संवाददाता।
कानपुर। नगर के शिवराजपुर में हरनू गांव में झोपड़ी बनाकर रह रहे माहुट परिवार की झोपड़ी में चूल्हे की चिंगारी से आग लग गई। आग में एक मंदबुद्धि युवक और पांच बकरियां जलकर मर गई तथा कई झोपड़ी आग में जलकर राख हो गईं। मौके पर पहुंची फायर ब्रिगेड ने आग पर काबू पाया। पुलिस प्रशासन मौके पर पंहुचा । शिवराजपुर थाना क्षेत्र की हरनू गांव के बाहर लगभग सात वर्षों से घुमंतू प्रजाति के एक दर्जन माहुट परिवार झोपड़ी बनाकर निवास करते थे। रविवार सुबह माहुट परिवार जाहिरा के घर खाना बनाते समय चूल्हे की चिंगारी के अचानक झोपड़ी में आग लग गई और देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया। आग ने एक के बाद आधा दर्जन झोपड़ियों को अपने लपेटे में ले लिया। आग देख ग्रामीणों ने मामले की सूचना स्थानिक पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी। जानकारी के बाद कुछ ही देर में फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंच गई और झोपड़ी में लगी आग को बुझाया। लेकिन जब तक आग बुझाई गई तब तक आधा दर्जन परिवारों की ग्रहस्थी जलकर राख हो गई और झोपड़ी में मौजूद एक मंदबुद्धि युवक और पांच बकरियां जलकर मर गईं। मौके पर पहुंची पुलिस मामले की जांच पड़ताल में लगी रही। लगभग 10 वर्ष पूर्व छतरपुर में रह रहे एक दर्जन माहुट परिवार लोगों के विरोध के बाद शिवराजपुर क्षेत्र के बैरी गांव के बाहर तत्कालीन ग्राम प्रधान की सहमति से ग्राम समाज की जमीन पर झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे लेकिन कुछ समय बाद ग्रामीणों ने वहां भी उनका विरोध शुरू कर दिया। लगभग सात वर्ष पूर्व हरनू गांव के तत्कालीन प्रधान पति पप्पू यादव ने गांव के बाहर रहने के लिए जगह दे दी और सभी परिवार वहीं पर झोपड़ी बनाकर रहने लगे थे। कई वर्षों से वहां रह रहे माहुट लोग कई बार साथ में प्रशासन से सरकारी आवास की मांग कर चुके थे। लेकिन घुमंतू जाति का होने के कारण उन्हें आवास योजना का लाभ नहीं मिल सका।