December 22, 2024

संवाददाता।

कानपुर। नगर में आईआईटी कानपुर के बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग विभाग के एमटेक और पीएचडी के छात्र-छात्राएं इंजीनियरिंग के साथ साथ मेडिकल के कंटेंट वाले कोर्स को भी पढ़ सकेंगे। यह नए सत्र से शुरू कर दिया जाएगा। इस बार सो विभाग में एमटेक और पीएचडी में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सिग्नल प्रोसेसिंग फॉर बायो-इंजीनियर्स, कम्प्यूटेशनल बायोमेडिकल इंजीनियरिंग और हेल्थकेयर वेंचर्स एंड इंटरप्राइजेज को जोड़ा गया है। बीएसबीई विभाग के प्रोफेसर अमिताभ बंदोपाध्याय ने बताया की मेडिकल के शोध में अब इंजीनियरिंग का यूज काफी हद तक बढ़ गया है। अभी तक कॉलेजों में छात्र-छात्राएं या तो इंजीनियरिंग की पढ़ाई करते हैं या फिर मेडिकल की, लेकिन आने वाले समय में मेडिकल रिसर्च में दोनों ही विषयों की जानकारी आवश्यक होगी। इसके लिए आईआईटी कानपुर ने मेहता फॅमिली सेंटर फॉर इंजीनियरिंग इन मेडिसिन की भी शुरुआत कर दी है। इसके अलावा आईआईटी में गंगवाल स्कूल आफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी की भी स्थापना भी की जा चुकी है। इन नए कोर्सों में दोनों कोर्सों से कंटेंट लिया गया है। प्रो. बंदोपाध्याय ने बताया कि इस कोर्स को शुरू होने से मेडिकल डिवाइस के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है। अभी हम लोग विदेशों पर ज्यादा निर्भर रहते हैं। अभी तक 80 प्रतिशत मेडिकल डिवाइसेज विदेशों से चीजें आती हैं। इस कोर्स का छात्रों को आगे चलकर फायदा भी मिलेगा। इन कोर्सों की पढ़ाई करने के बाद छात्र मेडिकल डिवाइस का स्टार्टअप भी शुरु कर सकते हैं। इसके अलावा मेडिकल डिवाइस वाली कंपनी में जॉब के भी रास्ते खुलेंगे। एमटेक बीएसबीई में आम छात्र-छात्राओं को तो गेट स्कोर से एडमिशन मिलेगा ही इसके अलावा एमबीबीएस किए कैंडीडेट को बिना गेट स्कोर के भी एमटेक में प्रवेश दिया जाएगा। इसके अलावा पीएचडी में एडमिशन के लिए 11 अप्रैल तक आवेदन लिए जाएंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *