संवाददाता।
कानपुर। नगर के पनकी में नाबालिग से गैंगरेप के मामले में एडीजे-14 ने आरोपियों को कड़ी सजा सुनाई है। चार आरोपियों को 25-25 साल की कैद और 52 हजार रुपए प्रत्येक आरोपी पर जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही चारों आरोपियों को जेल भेज दिया गया। एक आरोपी को पीड़िता पहचान नहीं सकी, इसके चलते वह बरी हो गया। आरोपियों को सजा मिलने पर पीड़ित परिवार ने राहत की सांस ली है। पनकी में रहने वाली एक 13 साल की किशोरी अपने नाना-नानी के यहां रहकर पढ़ाई करती थी। 15 नवंबर 2016 को वह रोज की तरह इलाके के गोकुल स्कूल पनकी मंदिर में पढ़ने के लिए साइकिल से निकली थी। मोहल्ले में रहने वाला अंकित यादव छात्रा को शताब्दी रोड के पास मिला और घुमाने के बहाने साइकिल से ले गया। कल्याणपुर रेलवे स्टेशन के पास अंकित का दोस्त जितेंद्र मिला और छात्रा की साइकिल को कल्याणपुर स्टेशन में खड़ा कर दिया। इसके बाद नारामऊ वेंडी स्कूल के पास तीनों बस से पहुंचे। यहां पर कल्लू मिला। तीनों लोग नाबालिग को पास की झाड़ियों में ले गए। जहां पर पहले से विशाल और करन मौजूद थे। इन पांचों ने मिलकर नाबालिग से गैंगरेप किया। विरोध करने पर उसे बेरहमी से पीटा। इसके बाद नाबालिग किसी तरह पांचों के चंगुल से बचकर वहां से भाग निकली। कल्याणपुर स्टेशन से अपनी साइकिल ली और घर पहुंचकर आपबीती बताई। इसके बाद परिवार के लोगों ने पनकी थाने में तहरीर देकर पांचों आरोपियों अंकित यादव, जितेंद्र, कल्लू, विशाल और करन के खिलाफ गैंगरेप, एससी/एसटी एक्ट, पाक्सो एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एडीजे-14 की कोर्ट ने मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद कल्लू को छोड़कर अन्य चारों आरोपियों को 25-25 साल की सजा और 52-52 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। कल्लू को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया गया।