संवाददाता।
कानपुर। नगर में यूपी एसटीएफ ने पीएम आवास दिलाने के नाम पर ठगी करने वाले दो जालसाजों को गिरफ्तार किया। आरोपी आवास के नाम पर जिला नगरीय विकास अभिकरण (डूडा) का अधिकारी बनकर कॉल करते। इसके बाद फाइल चार्ज के नाम पर पैसे मांगते। जिसे फर्जी बैंक अकाउंट में ट्रांसफर कराकर यूपीआई से निकाल लेते। जानकारी के मुताबिक एसटीएफ को पीएम आवास के नाम पर ठगी करने की लगातार शिकायत मिल रही थी। मामलों की गंभीरता को देखते हुए टीम लगाई गई। शुक्रवार को सुबह 7:30 एसटीएफ को टेक्निकल स्पेशलिस्ट और मुखबिर से जालसाजों की सूचना मिली। एसटीएफ ने सूचना के आधार पर रेउना, कानपुर नगर के रहने वाले प्रदीप सिंह उर्फ काला पुत्र विनोद सिंह और सनी सिंह पुत्र जगदीश सिंह को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनका एक संगठित गिरोह है। गैंग फर्जी आईडी बनाकर सिम कार्ड खरीदते हैं। इसके बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के नाम पर घर दिलाने के लिए डूडा ऑफिस लखनऊ का अधिकारी बनकर फर्जी आईडी से लिए गए सिम के सीरीयल नंबर पर कॉल करते। जो भी इनकी बात में फंस जाता। उनकी पूरी डिटेल व कागज व्हाट्सअप के जरिए ले लेते। गैंग में शामिल महिलाओं के माध्यम से उन दस्तावेज से बैंक अकाउंट खुलवाते और मैसेज अलर्ट के लिए अपना मोबाइल नंबर डालते। जिससे यूपीआई बना लेते। इसके बाद जाल में फंसे लोगों से बैंक मैनेजर बनकर फाइल चार्ज के नाम पर पैसे मांगते। फिर लो बैलेंस बताकर मेन्टीनेंस चार्ज के नाम पर फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कराते। किसी को शक हो जाता तो कहते फाइल चार्ज में आए खर्च को जमा करने के बाद पैसा वापस कर दिया जाएगा। दिनभर में 4 लोगों से ठगी करके दिनभर में 50-60 हजार कमा लेते। ठगी करने के लिए 20 फर्जी से ज्यादा एकाउंट खुलवा रखे थे। यूपीआई के जरिए ठगी का पैसा तुरंत निकाल लेते।