मंदिर कितना भी पुराना हो पंजीकरण नही तो ठेका वही खुलेगा.. डीओ आबकारी
कानपुर। राम राम या जै श्री राम का नाम जहां देश मे जन जन की आस्था का केंद्र रहा हो। प्राचीन काल से जो राम राम हर धर्म से ऊपर उठकर अभिवादन से लेकर उत्सव तक शामिल रहा हो जिस राम नाम से सत्ता तक में परिवर्तन हो गया हो जिन मर्यादा पुरुषोत्तम राम के अनगिनत देश मे मंदिर हो जहां अयोध्या में राममंदिर को लेकर राष्ट्रीय आंदोलन तक हुआ है और उसकी परिणित अयोध्या में भव्य मंदिर का निर्माण जिनके प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पूरे देश से आमजन से लेकर विशिष्ट जन तक की उपस्थिति रही हो। उन्ही राम जानकी का एक लगभग दो सौ वर्ष पुराना ऐतिहासिक मंदिर
हालसी रोड पर जिसमे स्थानीय जनो के साथ ही बाहरी क्षेत्रों के लोग भी श्रद्धा पूर्वक दर्शन करने आते हैं। जहां त्योहारों में उत्सव मनाया जाता खासतौर से रामनवमी को जिसमे हज़ारो की संख्या में लोगो की भागीदारी होती है। उसी मन्दिर के ठीक बगल तीस मीटर की दूरी के अंदर नगर के आबकारी विभाग की सरपरस्ती के चलते देशी ठेका खोलने की हिम्मत ठेकेदार ने कर दी लेकिन वहां के जागरूक निवासियों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया जिसके चलते उन लोगों ने संबंधित थाना बादशाही नाका, जिला आबकारी अधिकारी, जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री पोर्टल, को प्रार्थना पत्र सामूहिक रूप से लगभग दो सौ परिवारों के सदस्यों ने हस्ताक्षर करके प्रेषित किया जिसकी वजह से थाना पुलिस हरकत में आई और मौके पर जाकर जांच करने पर ठेकेदार को वहां साफ सफाई करते पाया तब पुलिस ने काम को रुकवा कर ठेकेदार से पूछा क्या आबकारी विभाग से अनुमति ली गई है तो देशी शराब ठेका अनुज्ञापी ने बताया हाँ विभाग की अनुमति से ही कर रहा हूँ उसके बाद आबकारी विभाग से दूरभाष द्वारा संपर्क करने पर क्षेत्रीय आबकारी अधिकारी अश्विनी कुमार मौके पर आये और मंदिर का मुआयना करने के बाद क्षेत्रीय लोग जो जमा हो चुके थे उनसे बोला की इस मंदिर का पंजीकरण दिखाइये तब ही हम इसको रोक सकते है नही तो ठेका यही खुलेगा तो मंदिर प्रबंध तंत्र ने बताया की ये 150 वर्ष से भी पुराना मंदिर है तब रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया तो होती नही थी और यदि होगी भी तो इतने पुराने प्रपत्रो को संभाल कर रखने का कोई औचित्य नही है क्योंकि उन प्रपत्रो से किसी प्रकार का लाभ तो लेना नही था जो उन्हें सहेज के रखा जाता वैसे भी ये आमजन के लिए मंदिर है न की व्यक्तिगत परंतु आबकारी निरीक्षक यही बोल कर चले गए की मुझे रजिस्ट्रेशन दिखाएँगे तभी ये ठेका यहां नही खुलेगा नही तो नियमावली में अब संशोधन हो गया है जिसके चलते इसको खुलने से रोका नही जा सकता तब लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी और लोगों का समूह जिलाधिकारी कार्यालय की तरफ बढ़ गया। उसके दूसरे दिन आबकारी विभाग से जांच अधिकारी शुक्ला जी आये और उन्होंने क्षेत्रीय जनता और मंदिर प्रबंध से मुलाकात की अपार जनसमूह के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने कहा की अच्छी बात है यहां के लोग जागरूक है और मंदिर प्रबंधन को आश्वस्त किया जो भी होगा न्याय संगत होगा आप लोग परेशान न हो इस जांच प्रक्रिया के दो दिन बाद आबकारी विभाग के डीओ मौके पर जांच करने आये और क्षेत्रीय लोगो और मंदिर प्रबंध तंत्र से मुलाकात के बाद उन्होंने भी वहीं नियमावली की दुहाई दी की नई नियमों के अंतर्गत यदि मंदिर का पंजीकरण नही है तो ठेका यही खुलेगा तब क्षेत्रीय लोगो ने कहा हम लोग भी किसी हद तक आंदोलन करेंगे क्योंकि हमारी भी बहु बेटियां है और यहां व्यापार भी होता जिसके चलते आबकारी की ये तानाशाही नही चलेगी वही थाना बादशाही नाका निरीक्षक विक्रम सिंह का कहना है जब सैकड़ों परिवारों और व्यापारीगण जो वहां व्यापार कर रहे है उनका विरोध है तो उसे कही और खोल देना चाहिए लेकिन ये अधिकार क्षेत्र आबकारी विभाग का है वही व्यापारियों का कहना है अभी सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है की मदिरालय आबादी क्षेत्र से लगभग डेढ़ सौ मीटर की दूरी पर होना चाहिए लेकिन ठेकेदार से आबकारी विभाग की सांठगांठ के चलते आमजन की भावनाओं को आहत किया जा रहा। अब देखना ये है की राम के नाम का डंका बजता है या आबकारी और ठेकेदार का।