May 9, 2025

कानपुर। कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों को उससे बचाव के उपाय और उसकी रोकथाम के लिए मीट का आयो‍जन शहर के एक अस्पताल में किया गया। देश के प्रसिद्ध रेडिएशन ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. आशीष राज कुलश्रेष्ठ ने अस्पताल में मौजूद सभी लोगों को गंभीर बीमारी के पहले से लेकर अंतिम चरण के लक्षणों के बारे में भी जानकारी प्रदान की। इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में हर साल 5 से 10 प्रतिशत की दर से कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इसलिए आने वाले समय में यह काफी तेजी से अपने पैर पसारेगा। इसके लिए अभी से अगर सतर्क नहीं हुए तो आगे आने वाली पीढ़ी को ज्यादा समस्या उठानी पड़ेगी। उन्होंभने लक्षणों के बारे में बताया कि अगर हर 6 महीने में आपका वजन 10 प्रतिशत से ज्यादा घट रहा है। कहीं पर छाला या गांठ है और इलाज के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है। खांसते समय खून आ रहा है या ज्यादा ब्लीडिंग हो रही है, तो ऐसे में सचेत हो जाएं। क्योंकि यह लक्षण कैंसर के हो सकते हैं।’ उनके साथ वहां मौजूद मरीजों ने अपने अनुभवों को भी साझा किया। डा. कुलश्रेष्ठ  ने बताया कि आज के समय में आधुनिक मशीन आ गई है। जिससे कैंसर जैसी बीमारी को जल्द ही डायग्नोज किया जा सकता है। अब जो मरीज है, वह बायोप्सी के लिए भी काफी जागरूक है।

डॉ. नारायण प्रताप सिंह ने बताया, आज के समय में 50 प्रतिशत पुरुष जो तंबाकू का सेवन करते हैं, उन्हें कैंसर हुआ है। वहीं, लाइफस्टाइल में बदलाव और खान-पान अच्छा न होने की वजह से महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर की समस्या तेजी से बढ़ रही है। खराब हाइजीन खाने के कारण सर्वाइकल कैंसर भी बढ़ रहा है। इसके कारण एच6 वायरस शरीर में अटैक करता है। जिससे सर्वाइकल कैंसर का खतरा बढ जाता है। इससे बचने के लिए 9 साल से लेकर 26 साल तक की युवतियों को एच6 वायरस वैक्सीन लगवाना चाहिए। हालांकि इस वैक्सीन को लेकर अभी लोगों में ज्यादा जागरूकता नहीं है। सरकार इस ओर लोगों को जागरूक करे तो काफी हद तक सर्वाइकल कैंसर को रोका जा सकता है।साथ ही उन्होंने बताया, जो लोग गंगा के किनारे रहते हैं, उन इलाकों में गॉल ब्लैडर कैंसर होने का खतरा ज्यादा रहता है। क्योंकि वहां के पानी में कुछ ऐसे संक्रमण होते हैं, जिनकी वजह से शरीर में इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है।इस दौरान दूसरे डॉ. नारायण प्रताप सिंह ने बताया, आज के समय में इलाज काफी बेहतर हो गया है।  रेडिएशन थेरेपी से अब लोगों को अच्छा इलाज मिलने लगा है। हम लोग यह थेरेपी उसी जगह पर देते हैं। जिस जगह पर कैंसर होता है। इसके अलावा आसपास की जगह पूरी तरह से सुरक्षित रहती है।

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