संवाददाता।
कानपुर। नगर मे राष्ट्रीय शर्करा संस्थान, कानपुर के निदेशक प्रो. डी. स्वाइन बीते मंगलवार को सेवानिवृत्त हो गये। उनके जाने के बाद बुधवार को जैव रसायन विभाग की वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. सीमा परोहा को निदेशक पद का कार्यभार सौंपा गया। प्रो. परोहा संस्थान की पहली महिला निदेशक बनी है। प्रो. परोहा ने कहा कि हम लोग बायोफ्यूल को लेकर काम करेंगे। यह संस्थान की पहली प्राथमिकता होगी। जल्द ही इसको लेकर हम लोग आईआईटी कानपुर के साथ एमओयू भी साइन करने जा रहे है। इसके अलावा स्वीट्स आर्गन पर भी काम को आगे बढ़ाने पर फोकस रहेगा और संस्थान नें बनाया गया गन्ना जल (गंदे पानी को शुद्ध कर तैयार किया गया) को अब कमर्शियल प्लांट लगाकर उसे मार्केट में उतारेंगे। प्रो. परोहा ने कहा कि संस्थान में लगभग 140 पद है। इसमें से लगभग 20 प्रतिशत पद खाली है। इन पदों पर भर्ती करने के साथ संस्थान के काम में विस्तार किया जाएगा। अभी कर्मचारियों पर काम का दबाव ज्यादा है। इस कारण इन पदों को भरने की प्रक्रिया पर काम शुरू कर दिया गया है। प्रो. सीमा परोहा का जन्म मध्यप्रदेश के इंदौर में हुआ था। प्रारंभिक शिक्षा भी वहीं से पूरी की। उन्होंने देवी अहिल्याबाई महाविद्यालय, इंदौर से एमएससी करने के बाद रानी दुर्गावती विश्व विद्यालय, जबलपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। वर्ष 2014 में एनएसआई के जैव रसायन अनुभाग में प्रोफेसर जैव रसायन के पद पर कार्यभार ग्रहण किया। प्रो. परोहा ने कई अनुसंधान पत्र भी प्रकाशित किये। उन्होंने लगभग एक दशक से सीएनजी, बायोगैस, सीएनजी, अल्कोहल एवं इथेनॉल से संबंधित चीजों पर कई शोध किये। प्रो. सीमा परोहा के निदेशक बनने पर एसके त्रिवेदी, अशोक गर्ग, संजय चौहान, विनय कुमार, डॉ. अशोक कुमार, अनूप कुमार कनौजिया, वीरेन्द्र कुमार, मिहिर मंडल, डॉ. सुधांशु मोहन, डॉ. अनंत लक्ष्मी, बृजेश कुमार साहू ने बुके देकर स्वागत किया।