अखिलेश यादव के ट्विटर वाले तंज पर महापौर ने भी कसा फितरा
कानपुर।बीती १२ जून को कानपुर की महापौर प्रमिला पांडेय की एक बैठक के दौरान नाला सफाई की फाइल को फेंकने वाला मामला राजनीतिक मोड़ पर पहुंच गया है।जहां एक ओर प्रदेश की सत्तादल भाजपा पार्टी के समर्थक महापौर का फाइल फेंकने वाले मामले को सही ठहराने में लगे हैं तो वहीं दूसरे दल समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश सिंह यादव ने उसे प्रदेश भर का मुददा बना डाला। अखिलेश यादव ने नगर निगम की कार्यप्रणाली को ही जनता को ठगने वाला बता डाला है। मामले की सियासत इतनी गर्मा गयी है कि महापौर प्रमिला पान्डेय और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच जुबानी जंग भी तूल पकडती जा रही है। अखिलेश यादव ने अपने एक्स हैण्डल में जो ट्विटर के नाम से भी जाना जाता है उस पर प्रदेश की सरकार और नगर निगम की पोल को खोलते हुए कहा है कि ये है यूपी में भाजपा सरकार के हवाई दावों की हवा में उड़ती फाइल। कानपुर मेयर का ये दिखावटी गुस्सा कितना सच है, जनता सब जानती है। कानपुर ही नहीं, पूरे यूपी की जनता को भाजपाई मेयरों ने ठगा है। यूपी में स्मार्ट सिटी बनाने का कागजी काम भाजपाई भ्रष्टाचार का शिकार होकर कागजों में ही लटका है। स्मार्ट सिटी के नाम पर यूपी को बजबजाती नालियों, सड़ांध भरे नालों, गड्ढे-युक्त सड़कों-गलियों, जाम में फंसी सड़कों के अलावा अगर और कुछ मिला है तो वो है ‘भाजपाई राजनीति’ का वो प्रदूषण जो सारे ठेके अपने लोगों को ही देने में व्यस्त दिखायी देते हैं जिससे कमीशन खोरी के चलते सारे विकास कार्य अधूरे ही रह जाते हैं।तो वहीं उनकी बातों का जवाब देते हुए महापौर प्रमिला पान्डेय ने कहा है कि जब अखिलेश यादव पिद्दी भर के थे, तब से मैं राजनीति कर रही हूं। पार्षद रहते हुए 10 साल जनता की सेवा की और दूसरी बार फिर से मेयर हूं। ये सब जनता की बदौलत ही है।अब देखना यह भी है कि दोनों की जुबानी जंग में जीत किसकी होती है और यह मामला कितना राजनीतिक ऊंचाईयों तक पहुंच पाता है।