November 22, 2024

— जलभराव से घंटों रेंगते रहे वाहन, लोगों में दिखा रोष

कानपुर। उत्तर प्रदेश में भले ही अभी पूरी तरह से मानसून सक्रिय न हो पाया हो, लेकिन मानसून की दक्षिणी सीमा बुन्देलखण्ड के रास्ते कानपुर पहुंच गई। इसी के चलते बुधवार को दोपहर बाद झमाझम बारिश हुई जो 33 मिमी रिकार्ड की गई। मानसून की पहली ही बारिश में नगर निगम की नाला सफाई की पोल खुल गई और जगह—जगह जलभराव हो गया। सड़कों पर पानी भर गया तो वाहन ​के पहिये थम गये और जब पानी कम हुआ तो घंटों वाहन रेंगते नजर आएं। इससे लोगों में रोष दिखा और नगर निगम के जिम्मेदारों को कोसते रहे। 

शहर में बुधवार को मानसून की पहली झमाझम बारिश हुई तो कई मोहल्ले जलमग्न हो गये और नगर निगम की ओर से की गई नाला सफाई की पोल खुल गई। सीसामऊ का नाला ओवरफ्लो हो गया, जिससे घरों पर पानी घुसने लगा। जलभराव से ग्वालटोली थाने जाने वाले मार्ग पर दो घंटे आवागमन प्रभावित रहा। इसी तरह वीआईपी रोड भी जलमग्न हो गई तो वाहन जहां के तहां खड़े हो गये। करीब दो घंटे बाद जब पानी कुछ कम हुआ तो वाहन रेंगते नजर आये। मोतीझील के आस-पास, चमनगंज, पीरोड, मरियमपुर, बजरिया, परमपुरवा, साकेत नगर समेत अधिकतर मोहल्लों में संपर्क और मुख्य मार्गों पर जलभराव हुआ। शहर का सबसे चर्चित नाला सीसामऊ नाला भी ओवरफ्लो होकर बहने लगा, जिससे मुख्य मार्ग पर लोग गिरते पड़ते निकले। यही नहीं नगर निगम की ओर से नाला सफाई में निकाली गई सिल्ट भी झमाझम बारिश से दोबारा नाले में बह गई। जबकि नियम है कि 15 जून से पहले नाला सफाई से निकली सिल्ट को उठवाना जरुरी है, लेकिन अधिकांश जगहों पर सिल्ट ज्यों का त्यों पड़ी रही और बारिश का पानी फिर सिल्ट को नालों में बहाकर ले गया।  

नगर निगम ने अभियंत्रण विभाग के 224 बड़े नालों की सफाई में पांच करोड़ 11 लाख रुपये खर्च किए गये। वहीं स्वास्थ्य विभाग के जरिये 1209 छोटे नालों को साफ करने के लिये भी 2 करोड़ रुपये खर्च हुये। नगर आयुक्त शिवशरणप्पा जीएन ने बताया कि 90 फीसदी नाला सफाई पूरी हो गई है। स्वास्थ्य विभाग के जरिये जो नाला सफाई हुई है उसमें अतिक्रमण बाधा बन गया है जिससे कुछ जगहों पर जलभराव हुआ है और उसे भी जल्द सही कर लिया जाएगा।

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