संवाददाता।
कानपुर। नगर में आईआईटी ने शुक्रवार को “टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ” पर एक दिवसीय कार्यशाला की मेजबानी की। इस कार्यक्रम ने शिक्षा जगत और चिकित्सा क्षेत्र के दिग्गजों को एकत्रित करने का काम किया गया, जो टेलीमेडिसिन की जटिलताओं का पता लगाने के लिए एक साथ आए। जीएसएमएसटी आईआईटी कानपुर के प्रतिष्ठित विजिटिंग प्रोफेसर, अपोलो टेलीमेडिसिन नेटवर्किंग फाउंडेशन और अपोलो टेली हेल्थ सर्विसेज, चेन्नई के निदेशक प्रो. के. गणपति, मिनेसोटा विश्वविद्यालय, अमेरिका से प्रोफेसर जयदीप श्रीवास्तव और डॉ. आरएमएल इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, लखनऊ के प्रो. सरोज कांता मिश्रा ने अपनी विशेषज्ञता पर चर्चा की। जीएसएमएसटी टास्कफोर्स के अध्यक्ष और आईआईटी कानपुर में बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोइंजीनियरिंग (बीएसबीई) विभाग में प्रोफेसर प्रो. एस. गणेश ने आज के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य में टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ की प्रगति पर प्रकाश डाला। इसके अलावा, मैकेनिकल इंजीनियरिंग विभाग, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर के. मुरलीधर और बीएसबीई विभाग, आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर अमिताभ बंद्योपाध्याय ने जीएसएमएसटी में ग्यारह उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) द्वारा किए गए विभिन्न अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं पर बाते साझा किए। जीएसएमएसटी के प्रोफेसर-इंचार्ज, प्रोफेसर संदीप वर्मा ने कहा कि ज्ञान के आदान-प्रदान और विचारों के परस्पर-परागण के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान होगा। टेलीमेडिसिन और डिजिटल हेल्थ क्षेत्रों के भीतर नवाचार को बढ़ावा देने में गंगवाल स्कूल आईआईटी कानपुर की भूमिका अहम है।कार्यशाला में प्रसिद्ध वैज्ञानिकों, चिकित्सकों, प्रोफेसरों और पीएचडी छात्रों ने ज्ञान और अंतर्दृष्टि का आदान-प्रदान किया, जिससे टेलीमेडिसिन क्षेत्र में सीखने और सहयोग के लिए एक अच्छे वातावरण को बढ़ावा मिला। टेलीमेडिसिन में नवीनतम प्रगति पर ध्यान देने के साथ, कार्यशाला ने ज्ञान साझा करने, विचारों के आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान की और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सहयोगात्मक अनुसंधान और नवाचार का मार्ग प्रशस्त किया गया।