संवाददाता।
कानपुर। नगर में कॉलेज आफ नर्सिंग व जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज कानपुर के साथ संयुक्त तत्वाधान में गुरुवार को नर्सों को सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की ट्रेनिंग दी गयी। इस वर्कशॉप में बताया गया कि के माध्यम से हम किस तरह से महिलाओं के कैंसर को पकड़ सकते है। स्त्री व प्रसूति रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. नीना गुप्ता ने बताया कि कानपुर मेडिकल कॉलेज की स्त्री व प्रसूति रोग विभाग में 21 जुलाई 2022 से कैंसर ओपीडी का संचालन किया जा रहा है। गर्भाशय के मुख के कैंसर की संख्या भारत में बढ़ती जा रही है। प्रतिवर्ष लगभग 25000 नए सर्वाइकल कैंसर के केस रिपोर्ट किए जाते हैं। स्त्री रोग विभाग जीएसवीएम के जच्चा बच्चा अस्पताल में अब तक लगभग 5000 मरीजों की सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। डॉ. पाविका लाल ने बताया कि सीमित संसाधनों में स्वास्थ्य केंद्र पर यह टेस्ट आसानी से किया जा सकता है। इससे कैंसर सरविक्स के प्रारंभिक स्टेज को पकड़ा जा सकता है। इसमें एसिटिक एसिड तथा लुगोल का आयोडीन लगाकर सीधे बच्चेदानी के मुहाने की जांच की जाती है और प्रीकैंसर क्षेत्र को पहचाना जा सकता है। अगर शुरुआती है तो इसे तत्काल उपचार कर ऑपरेशन किया जा सकता है। जितनी देर से पता चलेगा उतना ही खतरा बढ़ता जाता है। यह प्रोजेक्ट कॉलेज ऑफ नर्सिंग व जीएसवीएम कानपुर को दिया गया था। नर्सिंग कॉलेज की प्रधानाचार्य कार्यक्रम संयोजक डॉ. करेश प्रसाद व कार्यक्रम सचिव नमिता बत्रा सचिव थी। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सीएमओ डॉ. आलोक रंजन और विशिष्ट अतिथि जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संजय काला थे। डॉ. आलोक रंजन ने कहा कि जिस तरह से सर्वाइकल कैंसर बढ़ता जा रहा है। उसको देखते हुए यह स्क्रीनिंग सबसे जरूरी है। कार्यक्रम में डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. सुमन लता वर्मा, डॉ. चयनिका काला, डॉ. लुबना खान, डॉ. सीमा द्विवेदी, डॉ. रेनू गुप्ता, डॉ. शैली अग्रवाल, डॉ. वंदना शर्मा सहित सभी संकाय सदस्य भी उपस्थित थे।