September 17, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेडिकल कॉलेज में अब आंखों की बीमारी की गंभीर समस्याओं का भी इलाज संभव हो गया है। खासकर रेटीना से संबंधित दिक्कतों के लिए जिन्हें केजीएमयू और मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए जाना पड़ता था। उन्हें अब अपने ही शहर में इलाज मिल सकेगा। इसके लिए कानपुर मेडिकल कॉलेज के हैलट अस्पताल में 35 लाख रुपये की ग्रीन लेजर विथ एआईओ मशीन आई है। इसके साथ ही सात लाख का बायोम लेंस भी आया है। इसका उद्घाटन बुधवार को प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने फीता काटकर किया। वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. परवेज खान इस विधि के माध्यम से मरीजों का ऑपरेशन करेंगे। डॉ. परवेज खान ने बताया कि बीपी, शुगर वाले मरीजों की आंखों के ऑपरेशन के लिए डॉक्टरों को बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता था। लेकिन इस लेजर मशीन के माध्यम से उनका भी इलाज संभव होगा और आसानी से किया जा सकता है। पहले दिन जवाहर नगर निवासी विजय त्रिपाठी के आंखों का ऑपरेशन किया गया। उनका बीपी अधिक होने के कारण आंखों की नस फट गई थी। डॉ. खान ने बताया कि जिन बच्चों के पैदा होने के समय ही आंखों के पर्दे में परेशानी होती हैं, ऐसे बच्चों को एक से डेढ़ माह के अंदर ही उसका ऑपरेशन कर ट्रीटमेंट शुरू कर देना पड़ता है। इस मशीन के आने के बाद ऐसे बच्चों का ऑपरेशन भी अब सफल हो गया है। डॉ. परवेज खान ने बताया कि बच्चों के ऑपरेशन में करीब 40 मिनट का समय लगता है। वहीं, बड़े का ऑपरेशन करने में लगभग 15 से 20 मिनट का समय लगता हैं। इस ऑपरेशन में किसी प्रकार का कोई चीरा नहीं लगाया जाता है न ही किसी प्रकार का कोई नुकसान होता है। डॉ. खान ने बताया कि इस तरह के मरीज रोज ओपीडी में दो से तीन आते हैं। इन मरीजों को हम लोग केजीएमयू व मेरठ मेडिकल कॉलेज के लिए भेजते थे, क्यो कि वहां पर सरकार द्वारा इस मशीन को उपलब्ध कराया जा चुका है। कानपुर मेडिकल कॉलेज ने अपने फंड से इस मशीन को खरीदा है। ग्रीनलेजर मशीन 15 साल पहले सरकार मे दी थी, लेकिन पिछले पांच सालों से यह मशीन खराब पड़ी है। इस कारण यहां पर लेजर ऑपरेशन नहीं हो पा रहे थे। यहां पर करीब 18 जिलों के मरीज रोज परामर्श के लिए आते हैं।

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