November 22, 2024

कानपुर। इन्जीनियरिंग की पढायी छोडकर पॉलिटीशियन का सपना देखने वाले  शहर के नवेन्दु  मिश्रा ब्रिटेन के स्टॉकपोर्ट से सांसद चुन लिए गए हैं। लेबर पार्टी के सांसद बने नवेन्दु मिश्रा दूसरी बार सांसद चुने गए हैं।  ब्रिटेन के आम चुनाव में कानपुर का भी परचम लहराया है। कानपुर के नवेंदु मिश्रा लेबर पार्टी के लिए स्टॉकपोर्ट सीट से चुनाव जीत गए। उनके सांसद बनने के बाद कानपुर में रहने वाला उनका परिवार बेहद खुश है। 34 साल के नवेंदु ब्रिटेन में दूसरी बार सांसद चुने गए। अब उनकी लेबर पार्टी की सरकार बनने जा रही है। बतातें चलें कि नवेंदु की 7वीं तक पढ़ाई कानपुर में हुई। इसके बाद उनके पिता प्रभात रंजन मिश्रा की नौकरी मुंबई में लग गई। वो परिवार के साथ वहीं शिफ्ट हो गए। नौकरी के चलते ही वो ब्रिटेन पहुंच गए। ये बात है 1998 की, जब वह परिवार को ब्रिटेन लेकर चले गए। तभी से पूरा परिवार वहीं पर रहने लगा है।  शिवानी ने बताया- नवेंदु ने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। वह सेकेंड ईयर में थे। तभी पॉलिटिक्स में आने का फैसला किया। इसके बाद इंजीनियरिंग की पढ़ाई भी छोड़ दी। वह लेबर पार्टी से जुड़ गए। नवेंदु पॉलिटिक्स में एंट्री के बाद पहला चुनाव हार गए थे। मगर 2019 में दूसरी बाद सांसद का चुनाव लड़े और जीते। 2024 में वह लगातार दूसरी बार चुनाव जीतकर सांसद बने। लेकिन प्रभात के बड़े भाई विधु शेखर मिश्रा की तबीयत काफी खराब होने के चलते जीत का जश्न नहीं मना रहे। प्रभात ने एक वीडियो भी शेयर किया है, जिसमें नवेंदु घोषणा के वक्त मंच पर मौजूद हैं। नवेंदु 2 महीने पहले कानपुर आए थे। उन्हें घर का खाना बेहद पसंद है। घूमना-फिरना बिल्कुल भी पसंद नहीं है। उन्हें खाने में ढोकला, पूडी-सब्जी, ठंडाई और खीर अच्छी लगती है। वह पूजा-पाठ करते हैं, भगवान में आस्था रखते हैं। उन्हें अपने कल्चर और इंडियन ट्रेडिशन से प्यार है।  कोविड के बाद उनकी कानपुर में शादी तय हो गई थी। लखनऊ में फंक्शन भी होना था, लेकिन ब्रिटेन में अचानक शुरू हुई राजनीतिक हलचल की वजह से वो नहीं आ सके थे और सभी फंक्शन कैंसिल कर दिए गए थे। नवेंदु के छोटे भाई अभी 10वीं क्लास में ब्रिटेन में ही पढ़ते हैं। बड़ी बहन मिताली की शादी ब्रिटेन में ही हुई है। नवेंदु का पुश्तैनी घर बेहद ही साधारण बना हुआ है। आर्य नगर स्थित घर पर आज भी परिवार बेहद सादगी से रहता है। घर में नए जमाने के हिसाब से कुछ भी बदलाव नहीं किया गया है। बाहर पेंट से ही नवेंदु और अन्य परिवारीजनों का नाम लिखा है।

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