*-51 में से 16 खिलाडियों का दल केवल मेरठ से ही बाकी इधर-उधर से*
कानपुर। साल के शुरआत में मेरठ के रहने वाले निदेशक और पूर्व सचिव को क्रिकेट सेलेक्शन कमेटी पर निगरानी रखने के लिए नियुक्त क्या किया गया।उन्होंने तो प्रदेश के अन्य, जिलों के खिलाडियों को पूरी तरह से नजर अन्दाज करने के लिए ही चयनकर्ताओं पर दबाव डालकर अपने जिले के खिलाडियों को प्राथमिकता देना शुरु कर दिया। यही नही गाजियाबाद के काव्य तेवतिया जिन्होंने अण्डर-19 प्रतियोगिता के एक सत्र में हजार से भी ज्यादा रन बनाये हैं उन्हे भी इस शिविर से वंचित करवाने में भी सफलता प्राप्त कर ली। इससे भी अधिक यह रहा कि शिविर पिछले सत्र में ही सीनियर चयन समिति के प्रमुख और पूर्व जूनियर भारतीय क्रिकेटर प्रवीण गुप्ता और अंडर-23 टीम के कोच मोहम्मद आमिर को यूपीसीए के इन्ही3 पदाधिकारी के साथ विवाद के बाद अपने पदों से इस्तीफा देना पड़ गया था। इस विवाद के कारण संघ ने कुछ बाहरी लोगों को प्रवेश देने से मना कर दिया था। इस मामले ने तब तूल पकड़ लिया जब बैठक में कथित तौर पर यूपीसीए के पूर्व सचिव समेत दो वरिष्ठ अधिकारियों के बीच मामूली हाथापाई हुई। इसमें मुख्य कोच सुनील जोशी और पूर्व टेस्ट ऑफ स्पिनर गोपाल शर्मा को ‘चयनकर्ताओं’ की दूसरी श्रेणी में नियुक्त करना और क्रिकेट कार्यों का पूरा प्रभार यूपीसीए के निदेशक युद्धवीर सिंह को सौंपना शामिल है।संघ के भीतर लोगों ने समझा कि यह विवादों का अंत हो गया है लेकिन अब ऐसा लगता है कि यूपीसीए का प्री-सीजन फिटनेस और फील्डिंग कैंप, जिसमें 18 बल्लेबाज, 13 कलाई और फाइनर स्पिनर, 5 कीपर और 15 तेज गेंदबाज शामिल हैं, जिसमें बाएं हाथ के भी शामिल हैं, विवादों में है क्योंकि 51 क्रिकेटरों के चयन के पीछे के व्यक्ति ने अपनी विशेष शक्तियों का प्रयोग बडे ही आसानी से करने में व्यस्त है और अपने ही जिले से कम से कम 16 क्रिकेटरों को शामिल किया है। और तो और कई खिलाडी तो ऐसे हैं जिन्होंने लगभग दो सालों से बडे स्तर के क्रिकेट को देखा तक नही है। यूपीसीए के सूत्रों का कहना है कि क्रिकेटरों की सूची में कई गैर-सक्रिय क्रिकेटर हैं, जो सभी एक ही जिले से हैं, जबकि कई प्रतिभाशाली क्रिकेटरों, जिन्होंने पिछले सीजन में अच्छा प्रदर्शन किया था उनको नजर अंदाज कर दिया गया है। यूपीसीए के एक सूत्र ने बताया कि जिस व्यक्ति ने इन 51 क्रिकेटरों को चुना है, उसने इस सीजन में इसी सामान के साथ राज्य के लिए सभी बोर्ड ट्रॉफी जीतने का वादा किया है और हम इस बार ऐसा होने का इंतजार कर रहे हैं।मेरठ से चुने जाने वाले खिलाडियों में समीर चौधरी, प्रियम गर्ग, ऋतुराज शर्मा, यशु प्रधान, आदित्य शर्मा, समीर रिजवी, सौरभ कुमार, ऋषभ बंसल, शिवेंद्र मल्होत्रा, आरुष गोयल, भुवनेश्वर कुमार, कार्तिक त्यागी, विनीत तन्वअर, विजय कुमार, सत्यम चौहान और सुनील कुमार शामिल हैं। 51 खिलाड़ियों को चुनने वाले व्यक्ति ने कहा जिले के खिलाड़ियों को फिटनेस कैंप में अधिकतम मौका देने में क्या गलत है, क्योंकि उनके पास सफलता का एक सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड है। लोगों को अपनी आवाज उठाने का पूरा अधिकार है, अगर ये लड़के आगामी सत्र में सफलता हासिल करने में विफल रहे। सीनियर और जूनियर दोनों चयनकर्ता फिटनेस और फील्डिंग कैंप के लिए खिलाड़ियों के चयन के तरीके से खुश नहीं हैं। जूनियर चयनकर्ताओं में से एक ने बताया कि पिछले कुछ वर्षों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी को कैसे नजरअंदाज किया जा सकता है। शिविर के लिए चुने गए चयनित खिलाडियों की सूची चयनकर्ताओं के पास भेजकर उनको बताया गया। हालांकि, यूपीसीए के सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने कानपुर के कमला क्लब और ग्रीन पार्क स्टेडियम में होने वाले ऐसे किसी भी फिटनेस और फील्डिंग कैंप की जानकारी होने से इनकार किया। श्रीवास्तव ने कहा हाल ही में कानपुर में अंपायर और स्कोरर की परीक्षा दी थी और मुझे कानपुर में पुरुष क्रिकेटरों के किसी भी ऑफ-सीजन कैंप के बारे में कोई जानकारी नहीं है। गौरतलब है कि टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेट सुनील जोशी अपने सहयोगी स्टाफ की टीम के साथ कानपुर में कैंप की निगरानी कर रहे हैं, जिसमें अर्जुन अनिल, मोहित त्रिपाठी, विजय मलिक, सौरभ मौर्य, इम्तियाज अहमद, प्रभाकर बी और मूसी रजा शामिल हैं।