कानपुर। विकास कार्यों के 27 विभागों की 70 परियोजनाओं में मातृत्व शिशु एवं बालिका सदस्य योजना, ओडीओपी वित्त पोषण, बिजली, शिक्षा, सड़क निर्माण, सामूहिक विवाह, आवास, जल जीवन मिशन, गोवंश सुपुर्तगी, कन्या सुमंगला योजना और शौचालय निर्माण जैसी आवश्यक परियोजनाओं से मिलने वाले राजस्व में महानगर पिछड़ गया है। सरकार की जन उपयोगी योजनाओं के क्रियान्वयन की मॉनिटरिंग करने वाली सीएम डैश बोर्ड की ओर से जारी विकास कार्यों की जून माह की रैंकिंग में जिला बेहतर प्रदर्शन नहीं कर पाया। 73.1 फीसदी अंक पाकर 36वीं रैंक हासिल की। वहीं राजस्व कार्यों में 72वीं रैंक पाकर जिला फिसड्डी रहा। दोनों कार्यों को मिलाकर जिले को 67वीं रैंक हासिल हुई है। लोकसभा चुनाव के चलते मार्च माह से डैश बोर्ड की रैंकिंग नहीं जारी की गईं थी। चुनाव परिणाम जारी होने के बाद शासन फिर से विकास कार्य और राजस्व कार्यों की समीक्षा करके रैंकिंग जारी करने लगा। सीएम डैश बोर्ड से जारी रैंकिंग में सभी विभागों के लक्ष्य के सापेक्ष कार्य की प्रगति समय पर अपोलड करना होता है। ऐसे में लक्ष्य के सापेक्ष काम न करना, योजनाओं या शिकायत निस्तारण के आवेदन पत्रों के सापेक्ष लाभ न मिलना या शिकायतों का निस्तारण न होना भी देखा जाता है। जिले को 73.1 फीसदी अंक मिलने पर जून माह में रैंक 36 वीं मिली हैं। व स्थान पर से 26 अंक रैंकिंग घटकर 61वें स्थान पर रही। वहीं राजस्व कार्यों में स्मार्ट सिटी मिशन, हाउस टैक्स वसूली, राजस्व प्राप्ति, सरकारी कर राजस्व की परियोजनाओं में जिला सबसे फिसड्डी रहा। जिस कारण 59.6 अंक हासिल करने पर 72 वीं रैंक मिली। इसकी वजह लक्ष्य के सापेक्ष कार्य न होना और शिकायतों का समय से निस्तारण नहीं होना बताया जा रहा है।