प्रधानमंत्री मोदी को लिखा पत्र सोशल मीडिया में हुआ वायरल, कानपुर लोकसभा प्रत्याशी को कानपुर की जनता और संगठन पर थोपने का आरोप।
कानपुर। चुनावी समर में जहां सभी पार्टियों के कार्यकर्ता तन मन धन से दिल्ली के लाल किले में तिरंगा फहराने का सपना लेकर पूरे जोश के साथ जुटे हुए है वही भाजपा के टिकिट वितरण प्रणाली को लेकर कुछ जिलों में स्काईलैब प्रत्याशी के प्रति उदासीनता और विरोध के स्वर मुखर हो रहे है। और अब कार्यकर्ता के साथ साथ राष्ट्रीय स्तर की नेतृत्व क्षमता वाले नेताओं के भी विरोध स्वर मुखर होने लगे है आपको बता दे कि कानपुर में बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक प्रकाश शर्मा जिन्होंने संगठन का नेतृत्व करते हुए लगभग 40 वर्षों से पार्टी हित में न जाने कितने ही चुनावों में सफलतापूर्वक विजयश्री दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जो कानपुर लोकसभा में स्काईलैब प्रत्याशी रमेश अवस्थी के बर्ताव से दुखी कार्यकर्ताओं के अनुरोध और प्रत्याशी के विरोध पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम एक खत लिखा है जो कानपुर लोकसभा प्रत्याशी के सम्बंध में है और पार्टी संगठन में उनकी स्थिति को बयां कर रहा है, उनका यह पत्र सोशल मीडिया में तेजी के साथ वायरल भी हो रहा है ।
इस पत्र के माध्यम से प्रधानमंत्री से मांग करी गयी है कि लोकसभा 43 कानपुर नगर के प्रत्याशी पर एक बार फिर से विचार कर लिया जाना चाहिए। उन्होंने स्वयं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का जन्मजात स्वयंसेवक और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी कानपुर उत्तर प्रदेश का सक्रिय कार्यकर्ता बताते हुए प्रधानमंत्री का ध्यान इन तरफ खींचने की कोशिश करी है कि 400 सीटों की माला एक-एक मोती से बनेगी यदि कार्यकर्ता ही अपने नेता को पहचानने में भूल करेगा तो 400 सीटों का लक्ष्य प्राप्त करना असंभव प्रतीत होता दिख रहा है, साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पूर्व में किस प्रकार मुरली मनोहर जोशी को जनता ने स्वीकार कर लिया था उसका कारण केवल उनकी अपनी व्यक्तिगत पहचान और प्रचलित छवि थी लेकिन ऐसा वर्तमान प्रत्याशी के साथ नही है अतः एक बार पुनः प्रत्याशिता पर विचार कर लिया जाना ही उत्तम रहेगा। अब देखना ये है की केंद्रीय नेतत्व का निर्णय कार्यकर्ताओ को संतुस्टी प्रदान करता है या प्रत्यासी को।