कानपुर। कभी अपनी पिच को लेकर अपनी आलोचना झेलने वाले इकाना स्टेडियम की विकेट को नए तरीके से तैयार करने का ईनाम बीसीसीआई ने दे दिया है। इस बार के आईपीएल में विकेटों का अच्छा व्यवहार वहां के ग्राउन्डसमैन स्टाफ को बोर्ड की कमेटी ने उनकी मेहनत को उपहार स्वरूप 25 लाख का ईनाम देने का निर्णय किया है। इकाना स्टेडियम की पिच बीसीसीआई को इतनी भायी कि विकेट बनाने वालों को नगद ईनाम के अलावा सम्मान से नवाजने का भी ऐलान कर दिया। बीसीसीआई की इस घोषणा से इकाना स्टेडियम के ग्राउन्डसमैन स्टाफ में खुशी की लहर दौड गयी है। गौरतलब है कि आईपीएल के इस सीजन को सफल बनाने के लिए खिलाड़ियों से लेकर ग्राउंड स्टाफ ने काफी मेहनत की है।इकाना स्टेकडियम में इस बार यहां कई मैच में 200 से अधिक रन बने जबकि बीते साल के आईपीएल में ये पिचें डेढ़ सौ रन को तरस रही थी। इकाना के विकेटों के व्यवहार से खुश बीसीसीआई की कमेटी ने उसे पुरस्कृत किया यही नही देश के सभी 10 स्टेडियम के ग्राउंड्समैन और क्यूरेटर्स के लिए पुरस्कार राशि की घोषणा की है।10 नियमित आईपीएल स्थानों पर ग्राउंड्समैन और क्यूरेटर प्रत्येक को 25 लाख और तीन अतिरिक्त स्थानों के ग्राउंड स्टाफ को 10 लाख रुपये दिए जाने का निर्णय कमेटी की ओर से किया गया है। बीसीसीआई सचिव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि हमारे सफल टी-20 सीज़न के गुमनाम नायक अविश्वसनीय ग्राउंड स्टाफ हैं, जिन्होंने कठिन मौसम की स्थिति में भी शानदार पिचें बनाने के लिए अथक प्रयास किया है। इसकी सराहना के प्रतीक के रूप में, 10 नियमित आईपीएल स्थानों की पिच और ग्राउन्ड समैन कमेटी के कर्मचारियों को 25 लाख रुपये मिलेंगे जबकि 3 अतिरिक्त स्थानों पर अपनी सेवाएं देने वाले मैदानकर्मियों को 10 लाख रुपये मिलेंगे। बतातें चलें कि दिल्ली ने अपने कुछ मैच नई दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम के अलावा विशाखापट्टनम में खेले, पंजाब ने मुल्लांपुर के अलावा धर्मशाला में खेले जबकि राजस्थान ने जयपुर के बाद गुवाहाटी को अपना दूसरा घरेलू मैदान चुना था। लखनऊ के अटल बिहारी बाजपेई इकाना स्टेडियम में इस बार कुल खेले गए सात मैचों कई बार लगभग 200 या उससे अधिक का स्कोर बनाया गया। कोई भी मैच ऐसा नहीं हुआ, जिसमें डेढ़ सौ से कम रन बनाए गए हों। जबकि पिछले आईपीएल में बेंगलुरु के खिलाफ मैच में सवा सौ रन के लक्ष्य़ को लखनऊ की टीम सफलता पूर्वक प्राप्त नहीं कर सकी थी। इसके बाद विश्व कप में भी कुल पांच मैचों में केवल एक ही ऐसा मुकाबला रहा,था जिसमें 50 ओवर में 300 से अधिक रन बनाए जा सके थे।