संवाददाता।
कानपुर। नगर में बिजली की खराब व्यवस्था को दुरस्त करने के लिए आईआईटी का मोबाइल रोबोट काफी मदद करेगा। आईआईटी ने इसे एक साल के अंदर तैयार किया है। इस मोबाइल रोबोट की कई खासियत है, जिसके कारण यह बिजली विभाग के लिए संजीवनी साबित होगा। इसका ट्रायल भी काफी सफल रहा है। आईआईटी कानपुर ने पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की मदद से इस रोबोट को तैयार किया है। इस रोबोट की सबसे खास बात तो यह है कि बिजली की लाइन में कहां पर और क्या खराबी है इसका पता लगाने के साथ-साथ सब-स्टेशनों का निरीक्षण भी कर लेगा। इस रोबोटा का पहला ट्रायल पनकी स्थित सब-स्टेशन पर किया गया था। आईआईटी कानपुर के वरिष्ठ प्रो. बिशाख भट्टाचार्य और उनकी टीम ने इस रोबोट को एक साल की मेहनत कर तैयार किया है। उन्होंने बताया कि इस रोबोट की मदद से फाल्ट ढूंढने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। लगभग 15 से 20 मिनट के अंदर कहां पर फाल्ट है यह बता देगा। इसके अलावा यह मोबाइल रोबोट है, जिसके चलते यह बिजली सबस्टेशन के अंदर आराम से पूरे परिसर का भ्रमण भी कर सकता है। प्रो. बिशाख ने बताया कि इस रोबोट को अब पूरी तरह से स्वचालित बनाने पर काम कर रहे हैं। हांलाकि काफी कुछ सफलता भी मिल गई है, लेकिन कुछ काम अभी बाकि है, जिस पर टीम काम कर रही है। उन्होंने बताया कि सबस्टेशन के अंदर चुंबकीय शक्ति बहुत अधिक है, जो कुछ हद तक इंसानों के लिए बहुत हानिकारक है। इस रोबोट की मदद से इंसान उस खतरे से काफी हद तक बच सकेंगे। रोबोट वहां भी आसानी से जा सकता है जहां इंसान नहीं जा सकते और बिजली लाइन की खराबी का आसानी से पता लगा सकता है। उन्होंने बताया कि इसमें कई तरह के आधुनिक कैमरे और माइक्रोफोन लगे हैं। जो सबस्टेशन की कमियों का आसानी से पता लगाने के साथ-साथ उसका डाटा भी सहज कर रख सकते हैं। रोबोट जब सबस्टेशन के अंदर घूमेगा तो उसके अंदर क्या-क्या खराबी है यह सब स्क्रीन में ही दिखाई दे जाएगा। प्रो. बिशाख ने बताया कि करीब डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से इस रोबोट को तैयार किया गया है। रोबोट में आईआरआईएस कंट्रोल कैमरा, आईआर थर्मल सेंसर, लिडार, फायर अलार्म और टेली-ऑपरेशन फीचर से लैस है। रोबोट उन्नत विजन प्रोसेसिंग और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम का उपयोग करके सबस्टेशन में फाल्ट को पहचानेगा और स्वचालित रूप से अलार्म चालू करेगा।