संवाददाता।
कानपुर। नगर में आज शनिवार को कानपुर में सुबह से ही लू और धूप का कहर जारी है। शुक्रवार को कानपुर प्रदेश में सबसे गर्म रहा। एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर अधिकतम पारा 46.7 डिग्री रहा, जो प्रदेश में सबसे ज्यादा है। 40-45 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से लू चली। मौसम विभाग ने फिलहाल 17 जून तक लू-धूप का रेड अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के मुताबिक 18 जून से पूर्वी उत्तर प्रदेश में बारिश की गतिविधियां तेज होने की उम्मीद है। 20 जून तक राज्य के मध्य भागों में भी छिटपुट बारिश होने की संभावना बनने लगी है। ये बहुप्रतीक्षित मानसूनी बारिश न केवल भीषण गर्मी से राहत लाएगी, बल्कि उत्तर प्रदेश में जल स्थिति में भी काफी सुधार करेगी। राज्य के सूखे क्षेत्रों को अंततः अच्छी बारिश मिलेगी, जिससे मिट्टी की नमी बढ़ेगी और जल की कमी पूरी होगी। जून में पहली बार अधिकतम तापमान 45 डिग्री पार कर गया। दिन का पारा 45.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो सामान्य से करीब 5 डिग्री अधिक है। एयरफोर्स वेदर स्टेशन पर अधिकतम पारा 46.7 डिग्री रहा, जो जून का सर्वाधिक है। गुरुवार-शुक्रवार की रात भी बेहद घुटन भरी रही। नमी का अधिकतम प्रतिशत 38 रहा। वहीं कानपुर में रात का पारा 34.4 डिग्री दर्ज किया गया। सीजन में पहली बार लू की गति अधिक रही। कई बार यह 45 किमी. प्रति घंटा तक पहुंच गई। जितनी तेज लू दिन में रही उससे कम रात में भी नहीं रही। लू की औसत गति 12.3 किमी प्रति घंटा रिकॉर्ड की गई है जो सीजन की सर्वाधिक है। मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया, फिलहाल 17 जून तक गर्मी से राहत की संभावना नहीं है। हल्के बादल आते-जाते रहेंगे पर बरसेंगे नहीं होगी । तापमान में अभी और वृद्धि संभव है। पूर्वी उत्तर प्रदेश में रेड अलर्ट चल रहा है, जो बना रहेगा। तपिश भरी गर्मी के बीच बिजली की आवाजाही फिर शुरू हो गई है। ट्रांसफार्मरों पर लोड बढ़ने पर ट्रिपिंग, फ्यूज उड़ने, फेस और वोल्टेज की समस्या ने शुक्रवार को शहरियों को परेशान कर दिया। घनी आबादी वाले मोहल्लों के साथ वीआईपी इलाके भी अछूते नहीं रहे। 25 से अधिक सबस्टेशनों में ट्रिपिंग और फॉल्ट से बिजली घंटों गुल रही। प्रचंड गर्मी में ट्रेनों के एसी प्लांट दगा देने लगे हैं। 12582 वाराणसी-नई दिल्ली सुपरफास्ट और 12312 कालका मेल सहित तीन कूपे के एसी फेल हो गए। गर्मी और उमस से बेहाल यात्रियों ने रेल मंत्री को एक्स पर ट्वीट किया। कालका मेल को कानपुर सेंट्रल पर रोककर ए-3 और बी-2 कूपे को चेक कराया पर एसी प्लांट ठीक न हुआ तो ट्रेन से दोनों कोच काट कर अलग किए और दूसरे कोच लगाए।