संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश के 34 जिलों में आज हीट वेव का अलर्ट है। पूरे प्रदेश में 30-40 KM की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। अगले 5 दिन में पारा 45°C तक जा सकता है। मौसम विभाग ने बच्चों-बुजुर्गों को दोपहर में घर से न निकलने की सलाह दी है। पश्चिमी यूपी के 18 जिलों में आज गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है। हिमालय रेंज में आए नए पश्चिमी विक्षोभ के चलते बारिश के आसार बने हैं। अरब सागर से आने वाली शुष्क हवाएं पूर्वी यूपी में तापमान चढ़ा रही हैं। प्रदेश में प्रयागराज सबसे गर्म रहा। अधिकतम तापमान 43.3°C दर्ज किया गया। सबसे कम न्यूनतम तापमान 19.0 बहराइच का दर्ज किया गया। प्रदेश में अधिकतम तापमान लगातार चढ़ता जा रहा है। औसत तापमान 41°C तक पहुंच गया है। सीएसए यूनिवर्सिटी के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय ने बताया, अगले 5 दिनों तक पूर्वी यूपी में बादलों की आवाजाही बनी रहेगी। बारिश के कोई आसार नहीं हैं। हवाओं की स्पीड सामान्य से तेज रहेगी। आज से हीट वेव का असर प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में भी पड़ना शुरू होगा। लोगों को अब लंबे समय तक भीषण गर्मी के लिए तैयार रहना होगा। मौसम विभाग के अनुसार, अप्रैल में पड़ रही भीषण गर्मी को देखते हुए अनुमान है कि कई जिलों का मई-जून में अधिकतम तापमान 45 से 48 डिग्री तक जा सकता है। लोगों को 20 दिन ज्यादा गर्मी झेलनी पड़ेगी। इस बार हीट वेव का असर जुलाई महीने तक रह सकता है। हालांकि, मानसून भी अच्छा रहने की संभावना है। सुनील पांडेय के मुताबिक, अगर मैदानी इलाकों में किसी स्थान का अधिकतम तापमान 40 डिग्री या उससे ज्यादा होता है, तो हीटवेव की स्थिति बनती है। जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में ऐसा 30 डिग्री सेल्सियस या उससे अधिक तापमान होने पर होता है। इसके अलावा सामान्य तापमान 7 डिग्री सेल्सियस या इससे बढ़ने को गंभीर हीटवेव की स्थिति माना जाता है। मौसम विभाग के मुताबिक, भीषण गर्मी और हीटवेव के पीछे एंटी साइक्लोन जिम्मेदार है। एंटी साइक्लोन वो स्थिति होती है, जब सतह पर हवा का दबाव अधिक हो जाता है। इसकी वजह से ऊपर की हवा नीचे आकर गर्म हो जाती है। फिर इसकी वजह से लू की स्थिति पैदा हो जाती है। बता दें कि विश्व बैंक के अनुसार पिछले 100 साल में भारत का औसत वार्षिक तापमान 0.62 तक डिग्री बढ़ा है।