कानपुर। नगर के कल्याणपुर स्टेशन से युवक को ट्रेन से खींचकर अगवा करने वाले मामले में सिविल पुलिस और जीआरपी के बीच सीमा विवाद लम्बे समय तक चलता रहा। जीआरपी और कल्याणपुर थाने की पुलिस सीमा विवाद में ही उलझी रही। हालांकि देर रात मामले में जीआरपी ने अपहरण समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। राधन, बिल्हौर में रहने वाले विमल द्विवेदी के बेटे अक्षय अनवरगंज में प्राइवेट नौकरी करते हैं। रोज की तहर गुरुवार को भी बर्राजपुर से कालिंदी एक्सप्रेस में बैठकर नौकरी करने कानपुर आ रहे थे। जनरल बोगी में भीड़ होने के चलते वह दिव्यांग कोच में बैठ गए। कार में युवक को डंडे और बेल्ट से बेरहमी से पीटा, लेकिन पुलिस के पीछा करने की भनक लगते ही उसे 35 किमी. दूर चैनपुरवा बंबा के पास मरणासन्न हालत में छोड़कर भाग निकले।सुबह नौ बजे जैसे ही ट्रेन कल्याणपुर स्टेशन पर आकर रुकी वैसे ही चार-पांच युवक डंडे और हॉकी लेकर बोगी में घुस आए। अक्षय को पीटने लगे। उसे ट्रेन से बाहर खींच लाए और जीटी रोड पर खड़ी कार में बैठाकर निकल गए।युवक को अपहरण करते हुए देखकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। इधर पुलिस के सक्रिय होते ही अपहरणकर्ता मरणासन्न करने के बाद चैनपुरवा बंबा के पास फेंक कर भाग निकले। जीआरपी अनवरगंज चौकी प्रभारी सुदेश कुमार सीसीटीवी कैमरों देख ही रहे थे तभी अक्षय भी परिजनों संग स्टेशन पहुंच गया। अक्षय ने बताया, रंजिश के चलते गांव के हिमांशु और आयुष ने हमला किया है। दबंगों ने सुबह 9 बजे वारदात को अंजाम दिया, लेकिन मामले में जीआरपी और कल्याणपुर थाने की पुलिस करीब 10 घंटे सीमा विवाद में उलझी रही। जीआरपी चौकी इंचार्ज स्वदेश कुमार ने पहले बताया कि मामला सिविल पुलिस यानी कल्याणपुर थाने का है। जबकि एसीपी कल्याणपुर अभिषेक पांडेय जीआरपी का बताते रहे। मामले में सीसीटीवी से लेकर घंटों जांच-पड़ताल के बाद देर शाम चौकी इंचार्ज पीड़ित को फर्रुखाबाद जीआरपी थाने ले गए। वारदात के करीब 12 घंटे बाद मामले में एफआईआर दर्ज हो सकी। आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई है।