संवाददाता।
कानपुर। नगर मे लोकसभा चुनाव प्रचार का शोर शनिवार को खत्म हो गया। नौबस्ता गल्ला मंडी से रविवार यानि आज सुबह आठ बजे से 3614 पोलिंग पार्टियां 10 विधानसभा क्षेत्रों के लिए रवाना हो गई । नौबस्ता से किसी भी प्रकार के वाहनों को गल्ला मंडी की तरफ नहीं जाने दिया जा रहा है। सुबह से मतदान कर्मी गल्ला मंडी पहुंचना शुरू हो गए थे । सुबह से ही कड़ी व्यवस्था में टीमों को ईवीएम, वीवीपैट समेत मतदान के लिए चुनाव सामग्री का वितरण कराया जा रहा था । वहीं मतदान कर्मी अपनी टीम में शामिल कर्मचारियों को भी खोजते रहे। सुबह से निकली कड़ी धूप का सामना भी मतदान कर्मियों को करना पड़ा । पहली बार सेवन रेसकोर्स और निरंकारी आश्रम मैदान से पोलिंग पार्टियां रवाना हुई । नौबस्ता गल्ला मंडी से मतदान कराने की सामग्री मिली । उसे लेकर पोलिंग पार्टियों को डेढ़ किलोमीटर दूर जाना पड़ा । इससे मतदान कर्मियों को परेशानी का सामना करना पड़ा । दरअसल, मेट्रो ट्रैक का निर्माण होने से नौबस्ता गल्ला मंडी के पास 800 बसें खड़ी नहीं हो सकती थीं। इसलिए गल्ला मंडी से दोनों मैदान तक मतदान कर्मियों को ले जाने के लिए 80 बसें लगाई गई थी । आठ विधानसभा की 600 बसें निरंकारी मैदान से रवाना की जा रही थी । बाकी बची हुई बिठूर और महाराजपुर विधानसभा की 200 बसें सेवन रेस कोर्स मैदान से रवाना हो रही थी । हमीरपुर रोड स्थित नौबस्ता नवीन गल्ला मंडी से 3979 पोलिंग पार्टियां पोलिंग बूथ के लिए रवाना करने के लिए टीमें तैनात थे । जिसमें 10 प्रतिशत पोलिंग पार्टियों को रिजर्व रखा गया था । जिले में कुल पोलिंग बूथ 3998 हैं। अकबरपुर सीट की रनियां विधान सभा कानपुर देहात होने की चलते पोलिंग बूथ व पोलिंग पार्टियों की ड्यूटी कानपुर देहात से लगाई गई है। लोकसभा चुनाव में कर्मियों की ड्यूटी लगाने की व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त दिखी। इसकी वजह से पोलिंग पार्टियों की रवानगी पर भी देखने को मिला। मेडिकल टीम के पास आए आवेदन पत्रों पर जिम्मेदार ड्यूटी तो काटते गए, लेकिन उनके स्थान पर दूसरे कर्मियों की ड्यूटी लगाना ही भूल गए। हालांकि सभी कर्मचारियों को मतदान का प्रशिक्षण 8 मई को करा दिया गया था। जबकि जिले के 15961 कर्मियों को चुनाव ड्यूटी में लगाया गया था। जब चुनाव में ड्यूटी करने वाले कार्मिक की संख्या कम होने का पता चला तो अफसरों में हलचल मच गई। आनन-फानन 24 घंटे पहले 713 नए कर्मियों की ड्यूटी लगाकर उनको सुबह ट्रेनिंग के लिए कार्रवाई का डर दिखाकर बुलाया गया।