— राजकीय सम्मान के साथ किया गया शहीद शैलेंद्र का अंतिम संस्कार
कानपुर। छत्ती्सगढ के सुकमा में शहीद हुए सीआरपीएफ के जवान शैलेंद्र कुमार का शव मंगलवार को उनके गांव पहुंचा जहां उनके अंतिम दर्शन के लिए पूरे गांव के साथ ही शासन ,प्रशासन व प्रदेश सरकार के अलावा सेना व सीआरपीएफ के अधिकारी मौजूद रहे। मंगलवार को फूलों से सजे वाहन में शहीद के शव को लेकर सेना के जवान उनके घर पहुंचे । शहीद के अंतिम दर्शन करने को जनसैलाब उमड़ पडा और भारत माता की जय के नारों से पूरा आसमान गुंजायमान कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्विटर के माध्यम से छत्तीसगढ़ में कर्तव्य पालन के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए सीआरपीएफ जवान शैलेंद्र को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
उन्होंने शहीद सैनिक के परिजनों को 50 लाख की आर्थिक सहायता, परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान करने के साथ ही जनपद की एक सड़क का नामकरण शहीद शैलेंद्र के नाम पर करने की घोषणा की है।
शहीद की शव यात्रा में वाहन के साथ ग्रामीण हाथों में तिरंगा लेकर शामिल हुए । नौगवां स्थित पैतृक आवास पर शव देखकर पत्नी और मां रो-रोकर बेहोश हो गईं। नक्सली हमले में शहीद को हजारों लोगों ने नम आंखों से श्रद्धांजलि दी। बलिदानी के परिजनों को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख का मुआवजा दिया गया है। इसमें 35 लाख रुपये पत्नी कोमल और 15 लाख रुपये मां को दिए जाएंगे। वहीं, सुबह परिजनों से सपा का प्रतिनिधिमंडल भी मिला और परिवार को सांत्वना दी। शहीद शैलेंद्र कुमार को आखिरी विदाई देने के लिए सैकड़ों लोग पहुंचे थे। भारत माता की जय के नारे लग रहे थे। मंगलवार को शहीद जवान का पार्थिव शरीर जब उसके पैतृक गांव नौगवां गौतम पहुंचा तो बटालियन के पदाधिकारी सतपाल रावत आईजी सीआरपीएफ, एसपी सिंह डीआईजी सीआरपीएफ, राकेश कुमार सिंह जिलाधिकारी, श्रवण कुमार सिंह डीसीपी पूर्वी, राजेश कुमार एडीएम एफआर, ऋषभ वर्मा एसडीएम नरवल, पुलिस प्रशासनिक सहित अमिताभ बाजपेई विधायक, मो. हसन रूमी विधायक, मुनीन्द्र शुक्ला पूर्व विधायक, राकेश तिवारी प्रतिनिधि विधानसभा अध्यक्ष ने उन्हें राजकीय सम्मान के साथ गार्ड आफ आनर दिया गया।