—-लोगों ने नगर निगम पर लापरवाही का आरोप
कानपुर। शहर की सडकों पर खुदे गडढों ने एक बार फिर से अपना ताण्डव दिखा दिया जब गड्डे में फंसकर पलटे टैम्पों से चालक की जान चली गयी। गडढे में टेंपो का अगला पहिया फंसकर टूटकर पलट गया जिससे उसमें बैठी सवारियां भी घायल हो गयी।क्षेत्रीय जनता ने इस घटना को नगर निगम के अधिकारियों की लापरवाही का सबब मानते हुए भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश और मांग की है। गोविंद नगर में नगर निगम की लापरवाही से पानी भरे गड्डे में टेंपो पलट गया। हादसे में ड्राइवर की मौत हो गई। टेंपो में सवार 6 सवारियां घायल हो गईं। मामले में मृतक टेंपो चालक के परिवार वालों ने नगर निगम के दोषी अफसरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए मांग की है। नगर निगम ने गोविंद नगर के मेन रोड पर गड्डा खोदने के बाद मिट्टी डालकर छोड़ दिया था। बारिश में गड्डे की मिट्टी बैठ गई और जलभराव के चलते टेंपो पलटा और यह हादसा हुआ था। किदवईनगर पीली कालोनी कच्ची बस्ती निवासी सुनील कुमार गौतम (53) टेंपो चलाते थे। घंटाघर से 10 सवारियां लेकर शनिवार रात 2 बजे सीटीआई चौराहा जा रहे थे। नंदलाल चौराहे से पहले गड्ढे भरे पानी में टेंपो का पहिया जाने से अनियंत्रित होकर पलट गया। हादसे के बाद सवारियों में चीख पुकार मच गई। शोर सुनकर वहीं रहने वाले पुनीत वाधवा, अमरदीप, डब्बू यादव समेत अन्य लोग मौके पर पहुंचे और फंसी सवारियों को बाहर निकाला। हादसे में सुनील गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि सवारी राज की मां का पैर फ्रैक्चर हो गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने सुनील को हैलट भेजा, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। इधर, सुनील की मौत के बाद पत्नी पत्नी मंजू देवी, दो बेटे पीयूष, अर्पित और दो बेटियां प्रिया व अनन्या का रोकर बेहाल हैं। परिवार के लोगों ने सोमवार को मामले में नगर निगम के दोषी अफसरों और कर्मचारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए प्रार्थना पत्र दिया है। इसके साथ ही परिवार ने मुआवजे की भी मांग की है। गोविंद नगर थाना प्रभारी प्रशांत मिश्र ने बताया कि पीड़ित परिवार की तरफ से अभी तक लिखित में कोई तहरीर नहीं मिली है। तहरीर मिलते ही मामले में कार्रवाई की जाएगी। नंदलाल चौराहे से परमपुरवा की ओर जाने वाली सड़क के नीचे से मुख्य सीवर लाइन गुजरी है। चार माह पूर्व नगर निगम की पार्षद निधि से मुख्य सीवर लाइन से दस ब्लॉक की गलियों की इंटरकनेक्टिंग लाइन डाली गई थी। निर्माण के बाद सड़क खुदी ही छोड़ दी गई। इलाकाई लोगों ने कुछ बार मलबा जरूर डलवाया, लेकिन गड्डा पूरी तरह से भरा नहीं। नगर निगम के अफसरों और स्थानीय पार्षद ने क्षेत्रीय लोगों की शिकायत के बाद भी कोई रुचि नहीं दिखाई। इस वजह से बारिश में गड्डे में पानी भरा और टेंपो चालक हादसे का शिकार हो गया और उसकी जान चली गयी।