संवाददाता।
कानपुर। नगर के हैलट के बाल रोग विभाग में नवजात की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाकर हंगामा किया। लोग इतने गुस्से में थे कि आईसीयू का शीशा तक तोड़ दिया।उन्हें स्वरूप नगर पुलिस, प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने किसी तरह समझा बुझाकर शांत कर दिया। करीब डेढ़ घंटे तक परिजन हंगामा करते रहे। राजापुरवा निवासी राहुल कुमार ने बताया-पत्नी रूमी 9 माह की गर्भवती थी। शनिवार को पत्नी के पेट में दर्द हुआ, तो उसे स्त्री रोग विभाग लेकर आए थे। जहां पर डॉ. सीमा गुप्ता की देखरेख में भर्ती कराया था। ऑपरेशन से पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया । जिस दिन बेटा पैदा हुआ, उस दिन डॉक्टर ने सब कुछ सही बताया। अचानक से रविवार को जब बेटे ने दूध पीने के बाद उल्टी की तो डॉक्टरों ने उसे एनआईसीयू में रख दिया। बताया कि बच्चे को पीलिया हो गया है। इसके इंजेक्शन भी लगेंगे। इंजेक्शन लगवाने के लिए डॉक्टर 3 दिन तक टहलाते रहे। रोज बच्चे को एनआईसीयू में लेकर आने को कहते थे। जब वहां पहुंच जाते थे तो कोई भी डॉक्टर ठीक से बात तक नहीं करता था, कहते थे कि अभी तुम्हारी फाइल नहीं आई है जब आएगी तब इंजेक्शन लगेगा। 4-4 घंटे बाहर बैठाए रखते थे। ऐसे करते-करते आज तीसरा दिन हो गया। दोपहर में जब बच्चे की मौत हो गई तो डॉक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। इससे गुस्साए परिजनों ने अस्पताल में हंगामा करना शुरू कर दिया। डॉक्टर ने हंगामें की सूचना ऊपर अधिकारियों को देने के साथ ही पुलिस को दे दी। स्वरूप नगर पुलिस भी मौके पर आ गई। राहुल ने बताया कि जिस दिन से पत्नी को डॉ. सीमा गुप्ता की देखरेख में भर्ती कराया है, उस दिन से लेकर बुधवार तक लगभग 2500 रुपए की दवा बाहर से ला चुके हैं। इसके अलावा डॉक्टर ने रीढ की हड्डी से संबंधित एक जांच भी बाहर की पैथोलॉजी से कराई। आज जब बेटा खत्म हो गया तो मजबूरी में डर के कारण पत्नी को भी वहां से डिस्चार्ज करा लिया। क्योंकि वहां के डॉक्टर और स्टाफ नर्स कोई भी ठीक से बातचीत तक नहीं करता था। प्रमुख अधीक्षक डॉ. आरके सिंह ने बताया कि परिजनों की तरफ से कोई भी शिकायत अभी नहीं दी गई है। यदि कोई लिखित में शिकायत देता है तो मामले की जांच कर दोषी डॉक्टर पर कार्रवाई की जाएगी।