September 17, 2024

कानपुर। प्रदेश के प्रसिद्ध कार्डियोलॉजी अस्पताल के डॉक्टरों ने एक 90 वर्षीय बुजुर्ग के हार्ट की बाइपास सर्जरी कर उन्हे नया जीवनदान दे दिया हे। बुजुर्ग की इस सफल बाइपास सर्जरी को करने में डॉक्टरों के सामने लंबी चुनौतियां सामने आयी लेकिन सबका सामना करते हुए डॉक्टरों ने इसे सफल कर दिखाया। दो घन्टेे तक चली इस सफल बाइपास सर्जरी के लिए 6 डाक्टरों की टीम ने अपने काम को बखूबी अंजाम दिया। बतातें चलें कि बुजुर्ग काफी समय से हार्ट की बीमारी से पीड़ित चल रहे थे। पनकी निवासी गंगाराम (90) काफी समय से हार्ट की बीमारी से परेशान चल रहे थे। कई जगहों पर दिखाने के बाद भी उन्हें कहीं आराम नहीं मिला। उम्र अधिक होने के कारण कोई भी डॉक्टर सर्जरी करने के लिए तैयार नहीं थे। इसके बाद करीब 6 माह पूर्व बुजुर्ग अपने बेटे के साथ कार्डियोलॉजी के डॉ. नीरज कुमार की ओपीडी में दिखाने आए थे। यहां पर डॉक्टरों ने उनकी बाइपास करने को कहा। इसके बाद डॉक्टरों ने पहले 3 से 4 माह तक उनकी दवा चलाई इसके बाद वह ऑपरेशन के लिए फिट हुए।डॉ. नीरज कुमार ने बताया- मरीज की उम्र काफी अधिक थी। इसलिए इस ऑपरेशन में चुनौतियां भी अधिक थी। मरीज को दवा देने के साथ ये भी देखना था कि किसी प्रकार का कोई खतरा न हो। ये ऑपरेशन लगभग 2 घंटे तक चला। उन्होंने बताया कि इसमें सबसे बड़ी चुनौती थी बेहोशी की। मरीज का ऑपरेशन खत्म होने के बाद उसको तुरंत होश में लाना था। अधिकतर मरीजों को ऑपरेशन के बाद वेंटिलेटर में रखा जाता है। मगर इतनी अधिक उम्र में किसी मरीज को वेंटिलेटर में रखने का मतलब होता है कि वो उसी के भरोसे फिर हो जाएगा। इसलिए मरीज का ऑपरेशन होते ही उसे होश लाया गया। डॉ. नीरज कुमार ने बताया कि ऑपरेशन के दौरान ये भी देखा गया दवा का किसी भी प्रकार का असर किडनी और लीवर में न पड़े, नहीं तो ये चीजें तुरंत फेल हो जाती है। ऑपरेशन के दौरान ब्लीडिंग को रोकना था। मरीज का ऑपरेशन होने के बाद उसको 6वें दिन ही अस्पताल से छुट्‌टी भी कर दी गई।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *