November 22, 2024

आश्रम के लिए तीन सौ रुपए महीना लिया जाता चन्दा।

कानपुर। नगर के  बिधनू क्षेत्र में साकार विश्वहरी उर्फ भोले बाबा का आश्रम सरकारी और कुछ किसानों की जमीन हथियाकर लगभग 6 साल पहले बनकर तैयार किया गया था। आश्रम के निर्माण के लिए भक्तों से चंदा जुटाया गया था, जिससे इस भव्य आश्रम को बनाया गया। आश्रम के जुड़े लोगों से प्रति माह तीन सौ रुपए लिए जाते है जिससे आश्रम का खर्च चलता है। हालांकि पुलिस के छापा मारने के बाद से सेवादार आश्रम में ताला लगाकर भाग निकले हैं। आश्रम लगभग 14 बीघे में फैला है। आश्रम का आलीशान भवन तीन बीघे में बनकर तैयार है। शेष अन्य में निर्माण कार्य जारी है। आश्रम का निर्माण पट्टे के जमीन के साथ सरकारी भूमि पर भी हुआ है। बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव के किनारे साकार विश्वहरी उर्फ भोले बाबा का आश्रम स्थित है। यहां पर सेवादारों की बदल बदल कर ड्यूटी लगती है। गांव के किनारे लगभग तीन बीघे में आश्रम का आलीशान महल बना हुआ है। यहां पर आश्रम का निर्माण कार्य जारी है। आश्रम का निर्माण गरीब लोगों को हुए पट्टे की जमीन पर हुआ है। वहीं पास में पड़ी सरकारी जमीन को भी आश्रम के द्वारा कब्जा कर लिया गया है। आश्रम की जमीन को लेकर विवाद भी चल रहा है। नाम न छपने की शर्त पर बताया कि आश्रम के अध्यक्ष अनिल तोमर के द्वारा आश्रम से जुड़े लोगों से हर महीने तीन सौ रुपए की सहायता राशि ली जाती है। इतना ही नहीं आश्रम के निर्माण में बाबा के भक्तो से चंदे के रूप में किसी से 5 हजार किसी से 10 हजार रुपए तक लिए गए हैं। आश्रम से जुड़े लोगों का कहना है, कि बाबा की आड़ में अध्यक्ष अनिल तोमर ने लाखो रुपए का एम्पायर खड़ा कर लिया है। अनिल तोमर लग्जरी गाड़ियों से चलता है। वह कभी कभी ही वह आश्रम में आता है। हालांकि पुलिस के छापा मारने के बाद से आश्रम में रहने वाले सेवादार ताला लगाकर भाग निकले हैं। जिसके बाद से आश्रम में सन्नाटा पसरा हुआ है। घाटमपुर तहसील के सजेती क्षेत्र के अमौली गांव के पास खेतो में सन् 2019 में साकार विश्वहरी का सत्संग हुआ था। यहां पर आसपास क्षेत्रों से लोगो की भारी भीड़ पहुंची थी, जिसे देखकर बाबा का सेवादार अनिल तोमर ने इस क्षेत्र में एक आश्रम खोलने की योजना बनाई। इसपर अनिल ने बिधनू थाना क्षेत्र के करसुई गांव निवासी बाबा के गरीब भक्तों को सरकार द्वारा पट्टे में मिली जमीन को दान पर ले लिया। जिसके बाद अनिल तोमर ने यहां पर आश्रम का निर्माण बाबा के नाम पर लिए गए चंदे के रुपए से करवाया।  एक साल में इस आश्रम से बाबा की कमाई करोड़ रुपए के लगभग होगी। एक तरफ साकार विश्वहरि उर्फ भोले बाबा अपने शिष्यों से किसी भी चढ़ावे को लेकर मना करते है, लेकिन उन्हीं के आश्रम से जुड़े लोगों से लिए जाने वाले रुपए बाबा तक जाते हैं। करोड़ों रुपए कमाने वाला ये आश्रम सरकार को किसी भी तरह का टैक्स नहीं देता है। हालांकि आश्रम पर बिधनू पुलिस के छापा मारने के बाद से अनिल तोमर व उसके साथी आश्रम में ताला लगाकर भाग निकले हैं।

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