___यूपीसीए अभी तक जिन कमियों को गिनाकर झाड़ लेता था पल्ला अब उन्हीं का करेगा गुणगान
भूपेन्द्र सिंह
कानपुर। ग्रीनपार्क को लगभग 3 सालों के लम्बे अन्तराल के बाद बांग्लादेश जैसी टीम के खिलाफ टेस्ट मैच का आवन्टन वैसे तो हर क्रिकेट प्रेमी के लिए हर्ष का विषय है। ग्रीनपार्क में टेस्ट मैच की मेजबानी उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ के लिए एक लिटमस टेस्ट की तरह भी है। सितम्बर वाले लिटमस टेस्ट में पास होते ही संघ को आने वाले समय में एकदिवसीय,टी-टवेन्टी मैच मिल सकेंगे। यूपीसीए अभी तक यहां पर अन्तर्राष्ट्रीेय क्रिकेट मैचों की मेजबानी से लगभग दूरी बनाए हुए था। संघ यहां पर मैच आयोजित न करवाने के लिए न जाने कितने बहाने बनाता आ रहा है कभी उसने यहां पर खिलाडियों के लिए पांच सितारा होटल न होने की बात कही तो कभी प्रोडक्शन टीम के लिए एक साथ कई कमरों के न मिल पाने की। यही नही एक दिवसीय और टी-टवेन्टी के साथ ही आईपीएल के भी कुछ मैचों की मेजबानी से वंचित ग्रीनपार्क को यूपीसीए ने लगभग काली सूची में डाल ही दिया था। ग्रीनपार्क में मैचों के आयोजन को लेकर जब कभी भी यूपीसीए के अधिकारियों से चर्चा की गयी तो बस उन्होने ग्रीनपार्क के साथ ही नगर की भी कमियों को गिनवाने का काम किया।पदाधिकारी तो यहां तक कहते रहे कि स्टेडियम अन्तर्राष्ट्री्य स्तर के नियमों के नीचे आ गया है और बोर्ड की गाइडलाइन के अनुसार यहां पर टीमें आने से मना कर देती हैं। ऐसा कई बार हुआ है जब मैचों के आवन्टन होने के बाद भी ग्रीनपार्क से मैच स्थानांतरित करवा दिए गए।
अब गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ आवन्टित टेस्ट मैच की तिथि के बाद से ही यूपीसीए के पदाधिकारियों के सुर ही बदल गए। यूपीसीए के पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर अपने पहले दिए बयान पर पलटते हुए कहा कि कि ग्रीन पार्क स्टेडियम के अन्तर्राष्ट्रीेय दर्जे को नहीं खोने के लिए प्रतिबद्ध हैं, क्योंकि यह 1952 में भारत और इंग्लैंड के बीच पहला टेस्ट मैच आयोजित करने के बाद से प्रमुख स्थलों में से एक है। संघ के दूसरे सदस्य ने कहा कि वास्तव में, हर किसी ने ग्रीन पार्क में अंतरराष्ट्रीय मैच होने की उम्मीद छोड़ दी थी। आयोजन स्थल की स्थिति ठीक नहीं है। आउटफील्ड की हालत खराब है और सितंबर में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच की मेजबानी के लिए इसमें गंभीर सुधार की जरूरत है। यूपीसीए के एक अन्य अधिकारी ने स्वीकार किया कि कानपुर में पर्याप्त पांच सितारा होटल और अन्य सुविधाओं की कमी ग्रीन पार्क में अब बड़े मैच नहीं होने का एक अन्य कारण है। वहीं नगर के एक पूर्व रणजी खिलाडी ने बताया कि जिन कमियों के चलते मैच नही करवाए जा रहे थे अब संघ उन्ही कमियों को खूबी बताने में गुरेज नही करेंगे। बतातें चलें संघ का ग्रीनपार्क के प्रति रवैया बीते दिसम्बर महीने से ही कुछ ठीक नही चल रहा पिछले सीजन में यूपी बनाम असम रणजी ट्रॉफी मैच के दौरान असम की टीम को कानपुर विश्वविद्यालय के एक छात्रावास में ठहराना पड़ा था, क्योंकि संघ पास उनके लिए कोई होटल उपलब्ध नहीं था। यूपीसीए के एक पदाधिकारी ने बताया कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ग्रीन पार्क स्टेडियम का इतिहास काफी समृद्ध है लेकिन आधुनिक क्रिकेट में खिलाड़ियों के अलावा कई लोग और चीजें शामिल हैं, इसलिए कानपुर में वह क्षमता दिखायी नहीं देती है।अब जबकि बोर्ड ने मैच आवन्टित कर ही दिया तो स्टेडियम की कमियों को दूर करवाने का पूरा प्रयास किया जाएगा जिससे आगे भी मैचों के आवन्टन का सिलसिला जारी रहे।