संवाददाता।
कानपुर। नगर में सपा विधायक अमिताभ बाजपेई सुबह 11 बजे कानपुर में पनकी मंदिर पहुंचे। यहां उन्होंने बजरंगबली के दर्शन कर दंडवत प्रणाम किया। फिर पनकी थाने पर गिरफ्तार देने के लिए निकले। कुछ दूर जाने के बाद ही पुलिस ने रोक लिया। कड़े सुरक्षा घेरे के बीच पुलिस ने आगे बढ़ने नहीं दिया। गिरफ्तारी कराने के लिए विधायक अड़े रहे, लेकिन पुलिस उन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी। मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों से बात करते हुए अमिताभ ने मांग उठाई कि पुलिस ने ईद के दिन हुए विवाद का वीडियो डिलीट किया। सपा नेता सम्राट विकास को गिरफ्तार कर लिया। वीडियो रिकवर किया जाए। विधायक को थाने आने के लिए अनुमति की मांग की गई। ये पूरी तरह गलत है। मामले में निष्पक्ष जांच की जाए। विधायक ने कहा कि अगर मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो चुनाव के बाद न तो आचार संहिता होगी और न ही धारा 144 होगी। फिर सपा के लोग सड़कों पर उतरेंगे और खुला विरोध होगा। विधायक के मंदिर में दर्शन को लेकर बजरंग दल उत्तर संयोजक कृष्णा तिवारी ने पनकी मंदिर में न घुसने देने का एलान किया था। किसी भी प्रकार की हंगामे की स्थिति से बचने के लिए शनिवार को पुलिस ने संयोजक को हाउस अरेस्ट कर लिया। सपा विधायक ने अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं से भी अपील की है कि उनके समर्थन में न तो मंदिर आएं और न ही थाने पहुंचे। उन्होंने कहा कि आचार संहिता उल्लंघन में एक और मुकदमा दर्ज करने का पुलिस और प्रशासन को बहाना मिल जाएगा। विधायक अमिताभ ने बताया कि इससे पहले भी मैंने पुलिस कमिश्नर को पत्र लिखकर कहा था कि पुलिस मुझे कब गिरफ्तार करेगी, इसकी जानकारी मुझे दें। लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। नवरात्रि के चलते मैंने गिरफ्तारी नहीं दी, अब मैं खुद पुलिस को गिरफ्तारी दूंगा। विधायक ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस तरह से सपा कार्यकर्ता सम्राट विकास यादव को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। उसके पक्ष में पनकी थाने जाकर अपनी बात कहने और अपने साथी के साथ खड़े रहने के विरोध में पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दिया। लोकतंत्र में थाने जाना, अपने हक की बात करना हम लोगों का अधिकार एवं कर्तव्य दोनों है। लेकिन शायद शासन प्रशासन नहीं चाहता की हम लोग अपने अधिकारों की बात करें, इसलिए दमन के उद्देश्य से एक मुकदमा हमारे एवं हमारे साथियों के ऊपर दर्ज कर लिया गया है। कानपुर के अर्मापुर ईदगाह पर ईद के दिन सपा नेता सम्राट विकास यादव को आचार संहिता के उल्लंघन में अर्मापुर थाने की पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था। बवाल की आशंका पर अर्मापुर की बजाए उन्हें पनकी थाने में रखा गया। लेकिन सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और गठबंधन के लोकसभा प्रत्याशी आलोक मिश्रा ने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ पनकी थाने का घेराव किया। सपा नेता सम्राट को छुड़ाने के लिए थाने पर 2 से 3 घंटे तक हंगामा और धरना-प्रदर्शन चला। इसके बाद पुलिस ने सम्राट को जमानत पर छोड़ दिया था। इसके बाद सपा नेता को छुड़ाने के लिए पनकी थाने में धरना-प्रदर्शन और हंगामा करने वाले सपा विधायक अमिताभ बाजपेई और लोकसभा प्रत्याशी आलोक मिश्रा समेत 200 कार्यकर्ताओं पर गंभीर धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है।