संवाददाता।
कानपुर। नगर में बीते करीब 6 माह के अंदर सपा, बसपा और कांग्रेस से बड़ी संख्या में नेता भाजपा में शामिल हुए हैं। अकेले कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र में तीन महीने में करीब 16 हजार लोग भाजपा में आए हैं। इसमें नौ पूर्व विधायक, एक पूर्व सांसद और पांच लोकसभा और विधानसभा का चुनाव लड़े चुके नेता हैं। कानपुर-बुंदेलखंड क्षेत्र के मीडिया प्रभारी अनूप अवस्थी के मुताबिक 10 लोकसभा सीटों में से प्रत्येक पर करीब सवा लाख वोटर्स का लाभ मिलेगा। बड़ी संख्या में धोबी, ओबीसी, जाटव समेत अन्य जातियों का प्रतिनिधित्व करने वाले नेता और समाज से जुड़े लोग भाजपा में शामिल हुए हैं। बाहर से आए नेताओं को लगता है कि यदि वे अपनी जगह नहीं बना पाए, तो उनकी राजनीति संकट में पड़ सकती है। ऐसे में इस बार के लोकसभा चुनाव में दूसरे दलों से आया प्रत्येक नेता कुछ न कुछ रणनीति बनाकर काम कर रहा है। ताकि उसकी रिपोर्ट प्रदेश और दिल्ली तक जा सके। कुछ ऐसे भी हैं, जिन्हें समझ ही नहीं आ रहा है कि शुरू कहां से किया जाए। लोकसभा चुनाव 2024 के बीच दूसरे दलों से भाजपा में आए पूर्व विधायक व पूर्व प्रत्याशी 2027 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव को काफी नजदीक मानकर चल रहे हैं। ऐसे लोगों को लग रहा है कि इतनी बड़ी पार्टी में यदि अगले एक दो साल में सही जगह नहीं बना पाए तो विधानसभा के चुनाव में दावेदारों की कतार से वह काफी दूर हो जाएंगे। यही वजह है कि ऐसे नेता अगले तीन वर्षों में होने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए इस लोकसभा चुनाव को अपने केरियर के टर्निंग प्वाइंट के रूप में देख रहे हैं। अजय कपूर कांग्रेस महानगर, कमलेश दिवाकर समाजवादी पार्टी बिल्हौर, आरपी कुशवाहा समाजवादी पार्टी देहात, अंबेश कुमारी हमीरपुर समाजवादी पार्टी, आदित्य पांडेय फतेहपुर बसपा, केके सचान बसपा महानगर, रमेश कुशवाहा ललितपुर, प्रेमदास कठेरिया पूर्व सांसद इटावा समाजवादी पार्टी से भाजपा में आए हैं। इसके अलावा अरुणा कोरी समाजवादी पार्टी महानगर, लाल सिंह तोमर पूर्व एमएलसी सपा के अलावा शंभू दयाल दोहरे लोकसभा पूर्व प्रत्याशी इटावा बसपा, देवेंद्र सिंह गौतम कांग्रेस फतेहपुर, रमेश यादव पूर्व विधानसभा प्रत्याशी बसपा महानगर ऐसे नेता हैं जो भाजपा में हाल में शामिल हुए हैं।