संवाददाता।
कानपुर। जहाँ देश मे प्रधानमंत्री और प्रदेश मे मुख्यमंत्री सबका साथ सबका विकास नारे के साथ उच्च वर्ग से लेकर निम्न वर्ग तक संजीदगी और सख़्ती से सभी सरकारी विभागों को दिशा निर्देश दिए हुए है। जिसमे आम जन की मूलभूत अवश्यकताओ के साथ साथ विकास की और अग्रसर करना है, जिसमे शासन द्वारा समयानुसार आवश्यक्तानुसार जनहित मे विकास के लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाती है।जिनमे से कुछ विभाग जनमानस के सहयोग और विकास के लिए ही है। जिनमे से कुछ विभाग शासन के आदेशों की अवहेलना और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह ना करते हुए मनमानी रवैया इख़्तियार किये हुए है, जहां सरकार ने किसानो के हित को लेकर अनेको योजनाओ का प्रस्तुतीकरण करा है, वही किसानो से जुडा विभाग जिला पंचायत और क्षेत्रीय पंचायत किसानो के हित मे शासन द्वारा जारी विकाश कार्यों के सन्दर्भ मे करोडो की धनराशि को कूड़े के ढेर की तरह कई वित्तीय वर्षो से ढेर लगाये है, न की उन्हें जनहित मे प्रयोग कर रहा है।
नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में विकास कराने के लिए आए 80 करोड़ रुपये पंचायत अधिकारी दबाए बैठे रहे और काम नहीं कराया। इस बीच वित्तीय वर्ष भी निकल गया। सबसे ज्यादा क्षेत्र पंचायत के 49 करोड़ और जिला पंचायत के 31 करोड़ रुपये खाते में डंप हैं। अफसर विकास कार्यों की कार्ययोजना तक नहीं बना पाए।जिले के ग्रामीण क्षेत्र में जिला पंचायत की ओर से गांवों को जोड़ने वाली सड़क, डामरीकरण, बड़े नाले, अमृत सरोवर तालाब निर्माण और जिला पंचायत की संपत्तियों का सुंदरीकरण कराने का कार्य कराता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 46.46 करोड़ रुपये जारी किया गया। 15वें वित्त से 28.35 करोड़ और पंचम वित्त से 18.11 करोड़ रुपये जारी हुआ था। जिसमें से सिर्फ 14.54 करोड़ रुपये ही विकास कार्यों में विभाग खर्च कर सका। शेष 31.92 करोड़ रुपये खाते में ही डंप पड़े रहे। इसी तरह क्षेत्र पंचायत में वित्तीय वर्ष में 70 करोड़ रुपये जारी किया गया था।