
संवाददाता।
कानपुर। नगर के चर्चित इत्र कारोबारी पीयूष जैन को कोर्ट ने 23 किलो सोना बरामदगी के मामले में दोषमुक्त कर दिया है। पीयूष जैन ने सोने पर अपना दावा छोड़ दिया। इसके साथ ही 56.86 लाख रुपए कंपाउंडिंग फीस और कोर्ट में की गई अपनी अपील को भी वापस ले लिया। इस वजह से उन्हें दोषमुक्त किया गया है। यानी सजा से बचने के लिए पीयूष जैन ने उनके घर से बरामद 14 करोड़ के सोने पर अपना दावा छोड़ा तो कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया है।महानिदेशालय जीएसटी इंटेलीजेंस अहमदाबाद की टीम ने 21 दिसंबर 2021 को कानपुर के इत्र कारोबारी पीयूष जैन के आनंदपुरी और कन्नौज स्थित घर समेत अन्य ठिकानों पर छापा मारा था। इसमें 196 करोड़ रुपए कैश और 23 किलो विदेशी सोना पकड़ा गया था। जांच पूरी होने के बाद 27 दिसंबर 2021 को पीयूष जैन को जेल भेजा गया था। 8 माहीने बाद पीयूष को कोर्ट से जमानत मिली थी। सोना बरामदगी में पीयूष जैन पर कस्टम एक्ट के तहत मुकदमा दाखिल किया गया था। विशेष लोक अभियोजक अम्ब्रीश टंडन ने बताया कि पीयूष जैन ने 12 दिसंबर 2023 को चीफ कमिश्नर कस्टम के यहां बरामद 23 किलो सोने पर अपना दावा छोड़ते हुए मुकदमा न चलाए जाने की अपील की थी। पीयूष की याचिका पर कस्टम चीफ कमिश्नर ने आदेश दिया था कि पहले वह शमनीय शुल्क का 56.86 लाख रुपए जमा करें और सोने पर अपने दावे की अपील वापस लें। तब जाकर उन्हें सोना बरामदगी के मामले में राहत दी जाएगी। पीयूष जैन ने कोर्ट में अपनी अपील वापस ली और कंपाउंडिंग फीस जमा कर दी। इसके बाद पीयूष जैन की तरफ से स्पेशल सीजेएम कोर्ट में हलफनामे के साथ अर्जी देकर कस्टम एक्ट के मुकदमे में राहत देने की मांग की थी। पीयूष जैन के अधिवक्ता योगेश भसीन और चिन्मय पाठक ने बताया कि मुकदमे से राहत देने के प्रार्थनापत्र के साथ चीफ कमिश्नर कस्टम का 18 दिसंबर 2023 का आदेश और शमनीय शुल्क जमा करने के प्रमाण लगाए गए थे। इसके मद्देनजर कोर्ट ने पीयूष जैन को सुनवाई के बाद मंगलवार को दोषमुक्त करार दिया है। दोषमुक्त होने के लिए पीयूष जैन को 14 करोड़ के बरामद 23 किलो सोना और 56.86 लाख रुपए जमा करना पड़ा।