July 4, 2025

संवाददाता।
कानपुर। नगर में होली में अधिकतर केमिकल वाले रंग आपके त्योहार में रंग मे  भंग डाल देते हैं। ऐसे में यदि सावधानी हटी तो आपके चेहरों को भारी नुकसान हो सकता है और आंखों की रोशनी भी जाने का खतरा रहता है। इस लिए इस होली मे केमिकल वाले रंगों से बचकर रहना है। इसके अलावा यदि डॉक्टरों की कुछ टिप्स का प्रयोग कर लेंगे तो रंगों से होने वाले नुकसान से भी बचा जा सकता है। डॉक्टरों की माने तो होली में सिर्फ हर्बल रंगों का प्रयोग करें। न ही किसी को केमिकल वाले रंग लगाए और न ही किसी से लगावाएं। हर्बल रंग फूलों से बनाए जाते हैं। उसमें किसी भी प्रकार का केमिकल प्रयोग नहीं किया जाता है। अन्य जो रंग होते है उसमें आरारोट के अलावा पिसा कांच व आदि चीजों का प्रयोग होता  हैं। यह  आपकी त्वचा को भारी नुकसान पहुंचाते हैं। इससे कई तरह के नुकसान होने का खतरा रहता है। यदि यह कलर मुंह से या नाक के रास्ते से जरा भी अंदर जाते हैं तो यह पेट और फेफड़ों से संबंधित दिक्कत भी दे सकते हैं। कानपुर मेडिकल कॉलेज की नेत्र रोग विभाग की डॉ. नम्रता पटेल ने बताया कि सबसे पहले तो केमिकल से हमें अपनी आंखों को बचाना है। होली वाले दिन घर से बाहर निकलते समय आंखों में चश्मा जरूर लगाए। इसके अलावा जहां होली खेल रहे हैं वहां पर साफ पानी भी रखें। यदि आंखों में रंग जाता है तो तुरंत ठंडे पानी से आंखों में छिटे मारकर उसे धोए। यदि होली खेलने के बाद भी आपको आंखों में लालिमा या दर्द महसूस होता है तो तुरंत डॉक्टरों से परामर्श लेकर उसमें आई ड्रॉप डाले। आंखे काफी कोमल होती है, इसलिए सावधानी जरूर बरते। कानपुर मेडिकल कॉलेज के त्वचा रोग विभाग के डॉ. डीपी शिवहरे ने बताया कि केमिकल वाले रंगों से शरीर को काफी नुकसान पहुंचता है। अगर केमिकल शरीर को नुकसान कर गया तो शरीर में खुजली, जलन होती है। कभी-कभी शरीर में जगह-जगह छाले भी पड़ जाते हैं। ऐसे में अगर थोड़ी सावधानी बरती जाए तो इन सब चीजों से बचा जा सकता हैं। होली खेलने से पहले पूरे शरीर में नारियल के तेल को अच्छे से लगाए। इसके अलावा एलोवेरा को भी पूरे शरीर में लगा सकते हैं। इसको सिर से लेकर पैर तक लगाए। इसके अलावा पूरे शरीर को कपड़े से कवर कर ले। उसके बाद होली खेले। डॉ. शिवहरे ने बताया कि होली खेलने जाए तो एक बात का ख्याल जरूर रखे की खाली पेट न हो। इसके अलावा पानी बार-बार पीते रहे क्योंकि शरीर में पानी की कमी नही  होनी चाहिए। धूप में काफी देर तक रहते है तो शरीर में ड्राइनेस हो जाती हैं। रसायनिक रंगों का प्रयोग न करके हर्बल रंगों का ही प्रयोग शरीर में लगाने के लिए करें। डॉ. शिवहरे ने बताया कि चेहरे में रंग को छुड़ाने के लिए एक ही बार में प्रयास न करें। यदि रंग नहीं छूट रहा है तो उसे छोड़ दे दूसरे दिन छुड़ाए। बार-बार साबुन लगाकर चेहरे को न रगड़े। इसके अलावा कपड़े धोने वाले साबुन का प्रयोग बिल्कुल न करें। बहुत से लोग रंग को छुड़ाने के लिए मिट्‌टी का तेल जैसी चीजों का प्रयोग करते हैं, ऐसा न करें। रंग को छुड़ाने के लिए सबसे अच्छा है कि चेहरे पर साबुन लगाने से पहले घर का बना लेप लगा ले। हल्दी, आटे, एलोवेरा, मलाई, ग्लिसरीन का मिश्रण बना ले। होली खेलने के बाद पहले सादे पानी से कई बार चेहरे को धोए फिर इस लेप को लगाकर रंग छुड़ाने का प्रयास करें। इसके बाद साबुन से मुंह धोएं। 

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