संवाददाता।
कानपुर। नगर में इन दिनों सर्दी का कहर दिल के मरीजों के लिए भारी पड़ रहा है। रात और सुबह का तापमान गिरने के कारण लोगों के दिल धोखा दे रहे है। कानपुर के कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल, लालाराम चिकित्सालय हैलट हॉस्पिटल, मुरारी लाल चेस्ट हॉस्पिटल, जिला अस्पताल उर्सला में मरीजों की संख्या दोगुनी हो गई है। हृदय रोग संस्थान कॉर्डियोलॉजी में पिछले एक हफ्ते के अंदर इमरजेंसी में एक हजार से भी अधिक मरीज पहुंचे है। वहीं 500 के करीब मरीज भर्ती हुए है।कार्डियोलॉजी अस्पताल की इमरजेंसी में आम दिनों में हार्ट के मरीज लगभग 60 से 80 पहुंचते थे, लेकिन इन दिनों यह आंकड़ा 150 के पार पहुंच रहा है। बीते सात दिनों की बात करें तो एक हजार से अधिक मरीज इमरजेंसी में आ चुके हैं। मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए डॉक्टरों की ड्यूटी भी बढ़ाई गई है।निदेशक डॉ. राकेश कुमार वर्मा ने बताया, अटैक की समस्या अब हर एज ग्रुप में हो रही है। 22 साल से अधिक हर उम्र के लोगों में यह समस्या देखने को मिल रही है। इस ठंड में जो सबसे ज्यादा बाहर रहता है उसे दिल की समस्या हो सकती है। युवा अधिकतर ठंड में बाहर काम करते रहते हैं। इसलिए इन दिनों 22 साल से लेकर 50 साल तक के लोगों में अटैक पड़ने की संभावना अधिक देखने को मिल रही है या फिर यह समस्या उनमें आ रही है जो बहुत ही बुजुर्ग है। डॉ. वर्मा के मुताबिक इन दिनों इमरजेंसी में आने वाले लगभग 20% युवा अटैक की शिकायत या सीने में दर्द की शिकायत लेकर आते है, जो युवा अधिक स्मोकिंग और शराब का सेवन करते हैं, उनमें अटैक की शिकायत अधिक आ रही है। लगभग 20% युवा ऐसे हैं जो स्मोकिंग और शराब दोनों का सेवन करते हैं। 10% युवा ऐसे हैं जो तनाव में रहने के कारण उनको बीमारी अटैक करती है। 10% युवा ऐसे हैं, जिनका कोलेस्ट्रॉल हमेशा बड़ा रहता है। ऐसे में अटैक पड़ने की संभावना रहती है। डॉ. राकेश वर्मा ने बताया, इस समय बीपी व शुगर के मरीजों को काफी सतर्क रहने की अवश्यकता है। क्योंकि जब आपका दिल तेजी से काम करना शुरू करता है तो ऐसे में आपका बीपी व शुगर भी तेजी के साथ बढ़ने लगता है। ऐसे यदि बीपी बढ़ता है तो हार्ट फेलने होने का खतरा ज्यादा हो जाता है। इसलिए इन मरीजों को समय-समय पर अपनी जांच जरूर कराते रहना चाहिए। इसके अलावा बिना डॉक्टर की परामर्श से बीपी व शुगर की दवा न ले।