
संवाददाता।
कानपुर। नगर में लॉयर्स एसोसिएशन के संयुक्त मंत्री प्रकाशन पद पर चल रहे विवाद को बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने संज्ञान में लिया। एल्डर्स कमेटी की चुनाव के बाद मत पत्रों को जलाने की बात पर बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने कड़ा रुख अख्तियार करते हुए इसे असंवैधानिक करार दिया। साथ ही निर्देश दिए कि एक माह के भीतर चुनाव को संपन्न कराया जाए। बार काउंसिल ऑफ इंडिया ने यूपी बार काउंसिल के सदस्य अंकज मिश्रा की ओर से जारी किए गए पत्र को भी गैरजिम्मेदाराना बताया।बीते 19 फरवरी को लॉयर्स एसोसिएशन की कार्यकारिणी का वार्षिक चुनाव संपन्न कराया गया था। संयुक्त मंत्री प्रकाशन पद की मतगणना के दौरान एल्डर्स कमेटी ने मनीष गौड़ को विजेता घोषित किया गया, जिसका रनर रहे प्रत्याशी भानु प्रताप सिंह चौहान ने विरोध करते हुए दोबारा मतदान कराए जाने की मांग की थी। दोबारा मतगणना की मांग पर एल्डर्स कमेटी ने भानु प्रताप सिंह को 15 हजार रुपए शुल्क जाम करने के मौखिक निर्देश दिए थे। इसके बाद भानु प्रताप सिंह ने यूपी बार काउंसिल से शिकायत की थी। पत्र जारी होने पर एल्डर्स कमेटी के चेयरमैन विजय आचार्य, सह चेयरमैन गुलाम रब्बानी व मुख्य चुनाव अधिकारी राजेश यादव ने मतपत्र नष्ट करने की बात कही थी। इसके बाद यूपी बार काउंसिल से शिकायत के बाद 29 फरवरी को बार काउंसिल के सदस्य अंकज मिश्रा की ओर से एल्डर्स कमेटी के पक्ष में पत्र जारी कर पुन: मतदान की मांग को निरस्त करने के आदेश दिए गए थे। जिस पर भानु प्रताप सिंह ने एल्डर्स कमेटी सहित अधिवक्ता मनीष गौड़ के खिलाफ जिला जज की कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, हालांकि बाद में उन्होंने उसे वापस ले लिया था। अधिवक्ता भानु प्रताप सिंह ने मामले की शिकायत बार काउंसिल ऑफ इंडिया में की। बार कांउसिल ऑफ इंडिया के को चेयरमैन श्रीनाथ त्रिपाठी ने शिकायत को संज्ञान लेते हुए कड़ा रुख अख्तियार किया। उन्होंने यूपी बार काउंसिल के सदस्य अंकज मिश्रा की ओर से जारी किए गए पत्र को गैर जिम्मेदाराना हरकत बताते हुए पहली गलती मान कर नजर अंदाज किया जा रहा है। एल्डर्स कमेटी को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा है कि चुनाव के तुरंत बाद मतपत्रों को नष्ट करना गंभीर अवैधानिक कृत्य है। बार कांउसिल ऑफ इंडिया ने एल्डर्स कमेटी को निर्देशित करते हुए कहा कि एसोसिएशन एक माह के भीतर संयुक्त मंत्री प्रकाशन पद के चुनाव सुनिश्चित कराएं। कहा कि स्थानीय बार काउंसिल के सदस्य योगेंद्र स्वरुप अस्वस्थ्य है। अंकज मिश्रा निष्पक्ष नहीं रहे। यूपी बार काउंसिल के उपाध्यक्ष अनुराग पांडेय की निगरानी में चुनाव संपन्न कराए जाएंगे। साथ ही कहा कि निर्देशों का पालन न करने पर एडवोकेट्स एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी।