
संवाददाता।
कानपुर। नगर में चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के वैज्ञानिकों ने खीरे की खेती करने वाले किसानों के लिए एडवाइजरी जारी की हैं। कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर के प्रभारी डॉ. अजय कुमार सिंह ने खीरे की फसल में कीड़ों का प्रबंधन विषय पर बताया है। उन्होंने बताया, खीरे की फसल में हानिकारक कीटों का नियंत्रण आवश्यक है। डॉ. सिंह ने कहा, खीरे की फसल में प्रमुख कीट कद्दू का लाल कीट, सफेद मक्खी एवं लाल मकड़ी आर्थिक क्षति पहुंचाते हैं। उन्होंने बताया कि लाल कीट मार्च महीने में अधिक सक्रिय रहता है और फसल को खराब करता है। उन्होंने बताया, इसकी रोकथाम के लिए डाईक्लोरोवास 76 ईसी 1.25 मिली लीटर पानी के हिसाब से फसल पर छिड़काव करें। सफेद मक्खी की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल 0.3 मिली लीटर दवा प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करें। उन्होंने बताया कि यदि किसान खीरे की फसल में समय रहते कीटों का प्रबंधन कर लेते हैं, तो गुणवत्ता परक खीरा उत्पादित होगा। ऐसे में बाजार मूल्य भी अधिक मिलेगा, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि खेती में किसी अन्य प्रकार की दवा डालकर खेती में प्रयोग न करें। ऐसे में किसान को नुकसान भी हो सकता हैं। क्योंकि कभी-कभी कोई दवा ऐसी भी पड़ जाती है जिससे कि फलों को नुकसान हो सकता हैं।