संवाददाता।
कानपुर। नगर के अरौल में लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर देर रात एक निजी स्लीपर बस में आग लग गई। देखते ही देखते पूरी बस धधकने लगी। बस में बैठी 34 सवारियों की जान सांसत में पड़ गई। सवारियो ने शीशा तोड़कर खिड़की से कूदकर किसी तरह अपनी जान बचाई। इसके बाद भी बस में फंसी चार सवारियां गंभीर रूप से झुलस गईं। सूचना पर पुलिस और फायर ब्रिगेड मौके पर पहुंची। पुलिस ने घायलों को फौरन हॉस्पिटल में एडमिट कराया। जबकि फायर ब्रिगेड ने करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत से बस की आग पर काबू पाया। डीसीपी वेस्ट विजय ढुल ने बताया कि बहराइच से राजस्थान बाला जी एक निजी कंपनी की बस 34 सवारियों को लेकर जा रही थी। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे पर कानपुर के अरौल में तेज रफ्तार बस में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग ने पूरी बस को अपनी चपेट में ले लिया। बस में मौजूद सवारियों ने खिड़की का शीशा तोड़कर इमरजेंसी गेट से कूदकर अपनी जान बचाई। बस में फंसे ड्राइवर मो. हकीक और सवारियाँ शिवम बाजपेई, विनोद साहू व साहिल गंभीर रूप से झुलस गए। सूचना पर पहुंची पुलिस ने आनन-फानन में सभी गंभीर रूप से झुलसी सवारियों को कन्नौज के मेडिकल कॉलेज में एडमिट कराया। इसके साथ ही फायर ब्रिगेड की टीम ने करीब आधे घंटे की कड़ी मशक्कत से बस की आग पर पूरी तरह से काबू पाया। आग की चपेट में आने से बस पूरी तरह आग का गोला बनकर खाक हो गई। डीसीपी ने बताया कि अगर कोई सवारी तहरीर देगी तो निजी बस कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करके कार्रवाई की जाएगी। सवारियों ने बस चालक और ड्राइवर पर लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि बस काफी पुरानी और खटारा है, इसके बाद भी ड्राइवर उसे तेज रफ्तार में भगा रहा था। इसी वजह से हादसा हुआ है। बस की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। बस में सवार यात्रियों ने बताया कि बस में आग लगने के बाद यात्री कड़ी मशक्कत से अपनी जान बचा पाए। कोई भी यात्री अपना सामान बाहर नहीं निकाल सका। बस में आग इतनी भयंकर थी कि किसी भी यात्री का सामान सुरक्षित नहीं बचा। यात्री बगैर लगेज लिए ही आगे अपने गंतव्य स्थान की ओर बढ़ गए। बस कंपनी की ओर से यात्रियों को पहुंचाने के लिए कोई इंतजाम भी नहीं किया गया। इससे यात्रियों में जबरदस्त आक्रोश था।