संवाददाता।
कानपुर। नगर में चकेरी थाना क्षेत्र के किसान आत्महत्या कांड के 22 दिन बाद भी आरोपी भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन को पुलिस गिरफ्तार नही कर सकी है। परिवार के लोगों ने रविवार को संविधान लेकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके साथ ही मुख्यमंत्री से पूछा कि क्या कानून से बड़ा है भाजपा नेता। आखिर इसकी अरेस्टिंग कब होगी, या फिर भाजपा नेता कानून से बाहर हैं? किसान के परिवार ने कहा कि जब तक आरोपियों की अरेस्टिंग और जमीन वापस नहीं मिलेगी इसी तरह सड़क पर संघर्ष जारी रहेगा। चकेरी गांव में रहने वाले किसान बाबूराम की करोड़ों की जमीन भाजपा नेता ने हड़प ली और एक रुपए भी नहीं दिया। इससे आहत किसान ने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। किसान के शव के पास एक सुसाइड नोट मिला था। इसमें लिखा था कि भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन ने उसकी करोड़ों की जमीन हड़प ली है, इस वजह से जान दे रहा हूं। 22 दिन बीत जाने के बाद भी बाबू सिंह यादव आत्महत्या प्रकरण में मुख्य आरोपी भाजपा नेता प्रियरंजन दिवाकर उर्फ आशु, मैनपुर के भाजपा नेता शिवम चौहान, जीतेंद्र और बबलू अरेस्टिंग नहीं हो सकी है। इतना ही नहीं प्रियरंजन को बाल आयोग के पद से भी नहीं हटाया गया है। इससे आक्रोशित किसान की बेटियों ने रविवार को हाथ में संविधान और कानून की किताबें लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा की भाजपा नेता भूमाफिया प्रियरंजन आशु बड़ा है, योगी जी पिता की मौत के बाद हम लोगों को इंसाफ नहीं मिल रहा है। इस दौरान सपा नेता व न्याय संघर्ष समिति के संयोजक अभिमन्यु गुप्ता, फतेहबहादुर गिल भी मौजूद रहे। बेटियों ने वीडियो जारी करके मुख्यमंत्री से अपील करी की कानून को प्रियरंजन के सामने हारने न दें और उनको न्याय दिलवाएं,धोखे से हड़पी गई जमीन वापिस दिलवाएं। बेटियों ने कहा पुलिस पर पूरा भरोसा है पर सरकार में बैठे लोग अन्याय कर रहे है।