
संवाददाता।
कानपुर। नगर में मेडिकल कॉलेज की ओर से रविवार को सीपीआर ट्रेंनिंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम मुख्य रूप से न्यायाधीशों के लिए किया गया था। कार्यक्रम में कानपुर के करीब 50 से अधिक न्यायाधीश शामिल हुए। डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि यदि किसी मरीज को अचानक से अटैक पड़ जाता है तो उस स्थिति में हम उसकी जान कैसे बचा सकते हैं। यदि सही समय पर उसको उपचार मिलने लगे तो मरीज की जान बच सकती है। इस कार्यक्रम में न्यायाधीशों ने भी उत्साह दिखाया और पुतले पर अभ्यास करके देखा। कानपुर मेडिकल कॉलेज के डॉ. अपूर्व अग्रवाल, डॉ. बीना अरोड़ा, डॉ. अनिल वर्मा ने न्यायाधीशों को बताया कि जब भी कभी हार्ड अटैक जैसी स्थिति होती है तो ऐसे में मरीज को जमीन पर सीधा लिटा दे उसके सिर को जमीन से लगाकर रखें और फिर हाथ के एक पंजे को उसके सीने के ऊपर रखे और दूसरे पंजे को पहले पंजे के ऊपर रखें, फिर इसके बाद जोर-जोर से पुश करें। ऐसा करने से हम मरीज की जान बचा सकते हैं। पंपिंग करने से कोई भी सांस की नस की दिक्कत होगी तो वापस मरीज के अंदर सांस लौट आती है। डॉक्टरों ने बताया कि जब कभी मरीज को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो तो ऐसी स्थिति में हम मरीज को अपने मुख से उसके मुख में हवा डालकर कृत्रिम सांस दे सकते हैं। ऐसा करने से पीड़ित के फेफड़ों में सीधे हवा पहुंचेगी। इससे उसके फेफड़ों में दोबारा से जान आ जाएगी और वह सांस लेने की स्थिति में धीरे-धीरे आने लगेगा। यह कृत्रिम सांस के रूप में इस्तेमाल की जाने वाली विधि है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कानपुर के एडमिनिस्ट्रेटर सिद्धार्थ, जिला न्यायाधीश प्रदीप कुमार सिंह, कानपुर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. संजय काला, उप प्रधानाचार्य डॉ. रिचा गिरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर डॉ. काला ने कहा कि यह एक ऐसी विधि है जो हर आम आदमी को आनी चाहिए। इसके लिए जागरूकता सबसे बड़ी चीज है। यदि किसी मरीज को अस्पताल लाने में देर हो रही है तो हम उसको सीपीआर विधि से अस्पताल तक सुरक्षित पहुंचा सकते हैं। इस मौके पर डॉ. आरके सिंह, डॉ. संतोष बरमन, डॉ. अनुराग राजोरिया, डॉ. सीमा द्विवेदी आदि लोग मौजूद रहे।