बुलडोजर बाबा के राज में पीड़ित से मांगा जा रहा सुविधा शुल्क।
संवाददाता।
कानपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जन हिताय जन सुखाय के उद्देश्य को लेकर जहां दृढ़ संकल्पित है वहीं कानपुर नगर में 26 अगस्त 2021 को हुई भारी वर्षा में कुछ पुराने मकान ढह गए थे। जिनमें से एक प्रकरण सामने आया है। जिसमे बताया गया है कि 26 अगस्त की रात तेज बारिश होने और तेज हवाएं चलने के कारण हीरामन का पुरवा निवासी राजू का घर गिर गया था। जिसमे पीड़ित की पत्नी व बच्चे और पीड़ित स्वयं दब गया था। परंतु पीड़ित बाहरी हिस्से में दबा था और उसको तुरंत उपचार मिलने से वो तो बच गया। लेकिन उसकी पत्नी व बच्चे तीनो ही परलोकवासी हो गए थे। तेज बारिश और आंधी तूफान से यदि किसी का घर गिरता है तो वो प्राकृतिक आपदा में आता है। और पीड़ित व्यक्ति को इसका सरकारी मुआवजा भी मिलता है। लेकिन यहां पर बात कुछ अलग ही है। दरसल पीड़ित ने मकान गिरने के पश्चात स्वस्थ होने के बाद संबंधित अधिकारियों को सूचित करा। ततपश्चात यहां पर जांच करवाई गई और प्रार्थी को इंतजार करने को कहा गया। फिर प्रार्थी के पास जब महीनों कोई फ़ोन या मैसेज नही आया तो प्रार्थी ने अपर जिलाधिकारी राजस्व को दिनांक 29/03/2023 को इस संबंध में प्रार्थना पत्र दिया। परंतु उसका भी कोई फायदा नही हुआ। प्रार्थी की कोई सुनवाई नही हुई। फिर पीड़ित ने दिनांक 31/04/2023 को जिलाधिकारी कानपुर को प्रार्थना पत्र सौंपा। परन्तु उसमे भी कोई कार्यवाही नही हुई। अधिकारियों की लापरवाही से परेशान होकर पीड़ित ने जन सूचना के माध्यम से शिकायत करी। जिसमे बेकनगंज थाना ने पीड़ित को बताया कि भवन पुराना व जर्जर होने के कारण बारिश और आंधी से गिरा है वो प्राकृतिक आपदा में आता। इसी प्रकार प्रार्थी ने जन सूचना के माध्यम से तहसीलदार को दिनांक 17/11/2023 को शिकायत करी। जिसमे बताया गया कि प्रार्थी का मकान वर्षा और तेज आंधी से गिरा है। जो कि दैवीय आपदा की श्रेणी में आता है। प्रार्थी ने बताया कि वह मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है। इस प्रकरण में जब लेखपाल जांच करने आया था तब उसने पीड़ित से सुविधा शुल्क की मांग की थी। पीड़ित मजदूरी करता है और वह गरीब है उसके पास जमा पूंजी नही है इससे पीड़ित ने लेखपाल को घूस देने में असमर्थता जताई कि मेरे ऐसे हालात नही है कि मैं आपको कुछ दे सकू और आजकल मजदूरी का काम भी नही मिल रहा मैं खुद रोटी को मोहताज़ हूँ। उसके जवाब में लेखपाल ने बोला फिर केवल प्रार्थना पत्र दिए रहो फिर उसके बाद उसको अभी तक सहायता राशि नही दी गई है। पीड़ित का कहना है कि वह लेखपाल के आने के बाद सैकड़ो बार संबंधित अधिकारियों के पास जा चुका है। कोई भी सुनवाई नही होती है और परेशान ऊपर से करा जाता है। प्रार्थी का कहना है कि लेखपाल के साथ साथ संबंधित अधिकारी भी घूस खाते है, और यदि घूस न दो तो कोई भी पैसा नही मिलता है। पीड़ित को दैवीय आपदा का लाभ तीन वर्ष गुजर जाने पर अभी तक नही मिला है। हमारे मुख्यमंत्री जहाँ प्रदेश में सभी को समानता की दृष्टि से देख रहे है और गरीबो को बहुत अधिक सहायता प्रदान कर रहे है। गरीबो के लिए हर तरह की स्थिति में वो उनके साथ खड़े है लेकिन ये संबंधित कुछ अधिकारीगण मुख्यमंत्री जी के नाम को बदनाम करने में लगे हुए है। मुख्यमंत्री ने जहां कह रखा है कि किसी भी गरीब से बिना घूस लिए उसका कार्य सम्पूर्ण रूप से करा जाए। वही ये कुछ अधिकारी उनकी कही हुई बातों की अवहेलना कर रहे है और कानून के विपरीत कार्य कर रहे है।










