संवाददाता।
कानपुर। नगर के सरसौल क्षेत्र में स्थित शंकरानंद जूनियर हाई स्कूल में सोमवार को मिड डे मील का खाना खाने के बाद 15 बच्चों की हालत खराब हो गई। खाना खाने के 15 से 20 मिनट बाद बच्चों ने स्कूल में ही उल्टी करनी शुरू कर दी। एक के बाद एक जब कई बच्चों को एक साथ उल्टियां हुई तो शिक्षकों के हाथ पांव फूल गए। आनन-फानन में शिक्षकों ने ग्रामीणों की मदद लेकर एक-एक कर बच्चों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भिजवाने का काम शुरू कर दिया। इनमें से चार बच्चों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें रामादेवी स्थित कांशीराम ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है। स्कूल के प्रिंसिपल ओपी वर्मा ने बताया कि आज सुबह स्कूल में पूड़ी और सब्जी बनी थी। उसको खाने के बाद कुछ बच्चे तो ठीक रहे लेकिन 15 से 16 बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। यह भी बताया जा रहा है की इन बच्चों ने विद्यालय परिसर में लगे बेर के पेड़ से फल भी खाए थे, जितने बच्चों को उल्टी हो रही है उन सभी ने बेर खाए थे। वहीं, स्कूल के शिक्षकों की माने तो उनका कहना है कि स्कूल में दोपहर के खाने में दाल, चावल, रोटी और सब्जी बनी थी। स्कूल प्रशासन ही सही जानकारी उपलब्ध नहीं कर पा रहा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि इस पूरे मामले की जांच की जाएगी ।क्योंकि यह एक गंभीर प्रकरण है। अगर खाना खाने से बच्चों की हालत बिगड़ी है तो खाना किसने बनाया और इसमें किसकी लापरवाही रही। उस पर कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल अभी तक यह जानने का प्रयास किया जा रहा है कि आखिरकार तबीयत खाना खाने से बिगड़ी है या फिर किसी और चीज से। रहमत के पुत्र अजफाल (11 वर्ष), शब्बीर के पुत्र सलमान (8 वर्ष), ख्वाजिया की पुत्री फरजाना (10 वर्ष), शमी मोहम्मद के पुत्र अफजल (10 वर्ष) की हालत गंभीर बताई जा रही है।
इस गम्भीर घटना से विद्यालय में बन रहे मीड डे मील की गुणवत्ता का पता चलता है, स्कूल के प्रिंसिपल और शिक्षकों के बयान से पता चलता है कि घटना की जिम्मेदारी से बचने के लिये गलत बयान दिए जा रहे हैं । स्कूल प्रशासन से लेकर बी एस ए तक जांच के नाम पर इतनी बड़ी लापरवाही से बचने का प्रयास कर रहे हैं।