November 21, 2024

संवाददाता।
कानपुर। नगर में महिला चिकित्सकों की एक स्टडी में पता चला है कि शराब पीने के लत महिलाओं के बीच बढ़ती जा रही है। चालीस प्रतिशत महिलाएं शराब पीती है, इनमे से 10 प्रतिशत महिलाये प्रतिदिन शराब पीती है। ऐसी महिलाओं को आगे चलकर काफी समस्याएँ आती है। शराब पीने वाली महिलाओं में अविवाहित लड़कियों की संख्या ज्यादा है। वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. मंजुलिका बाजपेई ने बताया, जो लड़कियां शराब का सेवन कर रहीं है। ऐसी 20% लड़कियों के अंदर बांझपन की समस्या आ रही है। अगर वह प्रेग्नेट हो भी जाती है तो उनमें गर्भपात का खतरा अधिक रहता है। इसके अलावा ऑक्सीजन की समस्या भी आती है। यदि गर्भधारण कर भी लेती है तो ऑक्सीजन की समस्या के चलते बच्चों को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया, जब ऑक्सीजन की कमी होती है तो पेट में बच्चा ग्रोथ नहीं कर पता है। यह उन महिलाओं में अधिक होता है जो स्मोकिंग या ड्रिंक करती हैं, क्योंकि उनकी शारीरिक क्षमता कम हो जाती है और अगर बच्चा पैदा भी हो गया तो उसके बाद भी उसे कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। बच्चों का मस्तिष्क से संबंधित कोई दिक्कत आ सकती है या फिर उसे सांस से संबंधित कोई बीमारी हो सकती है। डॉ. मंजूलिका बाजपेई के अनुसार जो समस्याएं आज से 10 साल पहले 1% महिलाओं में देखने को मिलती थी। वह समस्याएं आज 40% महिलाओं में देखने को मिल रही है। डॉक्टरों के मुताबिक हुक्के में नशा नहीं होता है यह सोचकर लोग इसका सेवन करते हैं, लेकिन इसका धुआं बहुत ज्यादा नुकसान करता है। खास करके महिलाओं के अंदर यह धुंआ कई तरह की बीमारियों को जन्म देता है। इससे फेफड़ों का संक्रमण होना, टीवी जैसी बीमारी हो सकती है। कानपुर मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विभाग की प्रोफेसर डॉ. सीमा द्विवेदी ने बताया, स्टडी के मुताबिक जितनी भी लड़कियां और महिलाएं शराब पी रही है। उनके पीछे दो कारण निकल के सामने आए। पहला स्ट्रेस और दूसरा प्रियर प्रेशर। जब मानसिक तनाव बढ़ता है तो महिलाएं नशे की ओर जाती हैं या फिर वह जब ऐसे समाज के बीच में बैठती जहां एक दूसरे के कहने पर नशे का सेवन करना शुरू कर देती है। फिर वह धीरे-धीरे उनकी आदत में आ जाता है। जो महिलाएं लंबे समय से शराब पी रही है, उनके अंदर मल्टीविटामिन की कमी हो जाती है और धीरे-धीरे वह कुपोषण का शिकार होने लगती है। लंबे समय बाद उनके अंदर बीपी बढ़ने की समस्या, मानसिक रोग, भूलने की समस्या, आपसी संबंधों में मनमुटाव, कैंसर का खतरा, गर्भपात का खतरा अधिक हो जाता है। 

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