संवाददाता।
कानपुर। नगर में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने प्रबंधन विज्ञान विभाग के माध्यम से डेटा साइंस, बिजनेस एनालिटिक्स, वित्तीय प्रौद्योगिकी, प्रबंधन और पावर सेक्टर विनियमन, अर्थशास्त्र और प्रबंधन में तीन ई-मास्टर्स डिग्री कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये कार्यकारी-अनुकूल ई-मास्टर कार्यक्रम डेटा साइंस, फिनटेक और पावर के उभरते क्षेत्रों में होने वाले विकास के अनुरूप हैं। आईआईटी कानपुर के मुताबिक विश्व स्तर पर यह अनुमान लगाया गया है कि 2030 तक डेटा विज्ञान में 25% की वृद्धि होगी। साथ ही नौकरी के अवसरों में 36% की वृद्धि होगी। आज फिनटेक क्षेत्र एक परिवर्तनकारी चरण से गुजर रहा है और 2023 में मौजूदा 2% की स्थिति से एक महत्वपूर्ण छलांग लगाते हुए 2040 तक वैश्विक बैंकिंग मूल्यांकन के 25% पर पहुंचने के लिए तैयार है। हरित ऊर्जा में भारत की महत्वाकांक्षी भी आकर्षक हैं, देश की 2030 तक 500 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने की योजना, संभावित रूप से 2023 में 20 अरब डॉलर से अधिक का निवेश आकर्षित करेगी। ई-मास्टर्स कार्यक्रमों के नए समूहों को उद्योग की वृद्धि को पूरा करने के लिए डिजाइन किया गया है। इन ईमास्टर्स डिग्री कार्यक्रमों को पूरा करने के लिए गेट स्कोर की आवश्यकता नहीं होती है, जिससे पेशेवरों को अपने करियर को बाधित किए बिना उन्नत शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिलती है। यह कार्यक्रम विभिन्न कोर्सों को पूरा करने के लिए 1-3 साल का समय सीमा प्रदान की गई है। यह उद्योग-प्रासंगिक कार्यक्रम उच्च-प्रभाव प्रारूप में संचालित किए जाते हैं, जिसमें सप्ताहांत पर लाइव इंटरैक्टिव कक्षाएं और सेल्फ लर्निंग से सीखने की सुविधा होती है। 60-क्रेडिट, उद्योग-केंद्रित, आईआईटी कानपुर के प्रसिद्ध संकाय और शोधकर्ता वास्तविक दुनिया के अनुप्रयोग को बढ़ावा देने के लिए अपनी विशेषज्ञता प्रदान करते हुए, इन कार्यक्रमों का नेतृत्व करते हैं। यह कार्यक्रम क्रेडिट ट्रांसफर सुविधा भी प्रदान करते हैं, जिससे आईआईटी कानपुर में उच्च शिक्षा (एमटेक/पीएचडी) के लिए 60 क्रेडिट तक ट्रांसफर की अनुमति मिलती है। इसके अलावा, ईमास्टर्स प्रतिभागियों को आईआईटी कानपुर प्लेसमेंट सेल, इनक्यूबेशन सेल और पूर्व छात्र नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त होगी, जो एक समृद्ध कैरियर उन्नति और नेटवर्किंग अनुभव प्रदान करेगा।