संवाददाता।
कानपुर। नगर में भाजपा पार्षद और दवा व्यापारी का जो विवाद चल रहा है उसमें एक नया मोड़ आ गया है। भाजपा पार्षद ने गाड़ी नंबर के आधार पर थार चालक और उसके सहयोगियों पर छेड़खानी समेत गंभीर धाराओं पर एफआईआर दर्ज कराई है। पुलिस की इस कार्यवाही के बाद से जनमानस के बीच मे अनेको प्रकार के सवाल उठने लगे है। भाजपा पार्षद ने पुलिस को जो तहरीर दी है उसमें लिखा है कि जरीब चौकी चौराहा से एक थार कार काफी देर से निकलने के लिए साइड नहीं दे रही थी। बहुत देर के बाद फुटपाथ से ओवरटेक करने पर इन्होंने मेरी गाड़ी अर्टिका में पीछे से जानबूझकर टक्कर मार दी। मैंने जनप्रतिनिधि होने के नाते अपनी कार का शीशा नीचे करके उनको समझाने का प्रयास किया तो उन्होंने मुझे नशे की हालत में बाहर निकालकर मेरी साड़ी खींची। मेरे पति ने जब उसको दूर हटाने का प्रयास किया तो उनसे गाली गलौज करते हुए जानलेवा हमला करने का प्रयास किया। मैंने अपने साथियों को फोन करके बुलाया तो थार चालक ने उनके साथ भी मारपीट की शुरुआत कर दी। भाजपा पार्षद की तहरीर पर रायपुरवा थाने की पुलिस ने थार गाड़ी के नंबर के आधार पर छेड़खानी, गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने, तोड़फोड़ करने के साथ ही लापरवाही से गाड़ी चलाने की धारा में रिपोर्ट दर्ज की है। वहीं, दवा व्यापारी के परिवार ने सीएम योगी से मुलाकात कर इंसाफ की गुहार लगाई है। सीएम ने भी इलाज से लेकर केस में न्याय और कार्रवाई का पूरा भरोसा दिलाया है। सीएम ने कहा- मुझे पूरे मामले की जानकारी है। अपराधियों को कोई रियायत नहीं मिलेगी। जब भाजपा नेताओं ने पुलिस कमिश्नर ऑफिस का घेराव किया था तो पुलिस कमिश्नर ने कहा था कि आप अपनी शिकायत दर्ज कराने आए हैं या मुझसे बहस करने। अब तक की पुलिस जांच में भी बीजेपी पार्षद से छेड़खानी का कोई साक्ष्य सामने नहीं आया है। जबकि भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस के पास सीसीटीवी से लेकर कई गवाह और सैकड़ों साक्ष्य हैं। जो भाजपा नेताओं की बर्बरता की गवाही दे रहे हैं। इससे एक बात तो साफ है कि भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला की एफआईआर सिर्फ उनके बयान और सत्ता के दबाव में दर्ज की गई है। पुलिस ने उनकी बात रखने के लिए सिर्फ गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की है। सिखों के प्रतिनिधि मंडल ने अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य परविंदर सिंह के नेतृत्व में शुक्रवार देर मारपीट में घायल दवा व्यापारी अमोल दीप सिंह भाटिया के माता-पिता ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की। योगी ने सिख प्रतिनिधि मंडल से खुद कहा कि बहुत दुखद घटना हुई है। इसके लिए मैंने अधिकारियों को बोल दिया था कि किसी कीमत पर गिरफ्तारी होनी चाहिए, आप लोग सत्यदेव पचौरी सांसद के पास गए आपको सही आश्वासन मिला। प्रशासन को हमने बोल दिया था किसी भी हालत में गिरफ्तारी होनी चाहिए। इस दौरान व्यापारी की मां भूपेंद्र कौर सीएम के सामने भावुक होकर रोने लगीं। सीएम योगी ने उनसे कहा कि आप कैसी सिखनी हो… माता गुजरी जी ने चार साहिबज़ादे शहीद करवा दिए थे उस कष्ट को भी सहा था। आप हौसला रखो अपराधियों के साथ कोई भी रियायत नहीं बरती जाएगी। उन्होंने अमोल के इलाज के लिए भी कहा कि यूपी सरकार किसी भी अस्पताल में इलाज कराने के लिए तैयार है। इस दौरान अमोल के पिता ने कहा कि हमें खतरा है। योगी जी ने कहा मैं कमिश्नर से बोल दूंगा पूरी सुरक्षा मिलेगी। पीड़ित परिवार के साथ कानपुर बुंदेलखंड क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सरदार अजीत सिंह छाबड़ा, उपाध्यक्ष अल्पसंख्यक मोर्चा सरदार रमिंदर सिंह रिंकू, सरदार हरप्रीत सिंह, सरदार त्रिलोचन सिंह, सरदार जसकरण सिंह भी मौजूद रहे। श्याम नगर निवासी सरदार अमोलदीप सिंह से मारपीट करने के आरोपी पार्षद पति अंकित शुक्ला, सतेंद्र बाजपेई, अंकुर सिंह, सूरज तिवारी और अशस्वी शुक्ला के खिलाफ रायपुरवा थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन मेडिकल रिपोर्ट और डॉक्टरों के बयान के बाद खतरनाक हथियारों से हमला करने की धारा, ऐसे हथियार से हमला करना जिससे किसी की जान को खतरा हो की धारा और और गैर कानूनी रूप से जमा होकर बवाल करने की धारा की धारा बढ़ा दी गई थी। इसके साथ ही 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। तब जाकर पार्षद पति समेत पांचों आरोपियों ने पुलिस कमिश्नर ऑफिस में सरेंडर कर दिया।