September 20, 2024

संवाददाता।
कानपुर। सत्ता का रसूख लिए अपराध की सीढ़ियां चढ़ने वाले भाजपा नेताओं के आगे कानपुर पुलिस कमिश्नरेट पूरी तरह सरेंडर है। किसान सुसाइड मामले में भाजपा नेता 18 दिन से फरार है। जबकि भाजपा पार्षद पति ने दवा व्यापारी अमोलदीप सिंह को इस कदर मारा कि उनकी आंख बाहर आ गई। उनका एम्स दिल्ली में इलाज चल रहा है। इस मामले में 5 आरोपियों पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई, लेकिन बीते 3 दिनों से एक भी आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार नहीं किया है। दोनों मामलों में मुख्य आरोपी भाजपा नेता की तलाश में 15 टीमों में 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी लगे हैं, फिर भी अब तक गिरफ्तारी नहीं।करोड़ों रुपए की किसान की जमीन हड़पने के मामले में भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन दिवाकर और उसके गैंग के छह सदस्यों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। लेकिन, भाजपा नेता दिवाकर पर 50 हजार रुपए का इनाम होने के बाद भी पुलिस उसे अरेस्ट नहीं कर सकी है। वहीं, भाजपा पार्षद पति और उसके 5 आरोपियों पर पुलिस ने 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। 24 सितंबर की रात यशोदा नगर निवासी भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला और उनके पति अंकित शुक्ला की कार दवा व्यापारी की थार से जीटी रोड सिटी क्लब के सामने भिड़ गई थी। आरोप है कि पार्षद के पति और उनके गुंडों ने थार जीप में सवार मेडिकल कारोबारी अमोलदीप सिंह भाटिया को गाड़ी से खींचकर इस कदर पीटा कि दोनों आंखें बाहर आ गईं। कानपुर के डॉक्टरों ने इलाज से हाथ खड़े कर दिए तो उन्हें आनन-फानन में परिवार के लोग एयर एंबुलेंस से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल लेकर पहुंचे। आईसीयू में उनका इलाज चल रहा है। डॉक्टरों के मुताबिक, उनकी दोनों आंखों में गंभीर चोट है। इस मामले में सिख समाज और व्यापारी वर्ग गुस्से में है। भाजपा पार्षद का मामला होने के चलते पुलिस ने पहले हल्की धाराओं में FIR दर्ज कर इतिश्री कर दी। लेकिन, विरोध बढ़ता देख पुलिस ने मामले में गंभीर धाराएं बढ़ाई। आनन-फानन पुलिस ने आरोपियों को बुधवार को 25-25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित कर दिया। इस मामले में पुलिस ने अभी तक एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया है। घटना के सीसीटीवी तक नहीं खंगाले गए हैं। वहीं पुलिस ने 5 टीमें गठित कर गिरफ्तारी के प्रयास की बात कही है। ये पहली बार है कि भाजपा अपने पार्षद के बचाव में खुलकर सामने आ गई है। बुधवार देर शाम विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना के खास लोगों में शुमार राकेश तिवारी के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में लोग पुलिस मुख्यालय पहुंच गए। भाजपा ने एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। मामले में पुलिस अब दोनों तरफ से घिर गई है। हालांकि मामले में जॉइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी ने निष्पक्ष जांच की बात कही है। अब इस मामले को भाजपा ने पूरी तरह राजनीतिक रंग दे दिया है। भाजपा पार्षद को जहां ब्राह्मण दिखाकर एक वर्ग को अपने साथ लाना चाहती है, वहीं दूसरी ओर सिर्फ एक पक्ष को सुनने का आरोप लगा रही है। जबकि चोट की गंभीरता को देखते हुए भी इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किसने किसके साथ मारपीट की होगी। इस मामले में सिख समाज ने भी आंदोलन तेज करने के संकेत दे दिए हैं। कानपुर के चकेरी गांव में 9 सितंबर को किसान बाबूराम ने ट्रेन के आगे कूदकर सुसाइड कर लिया था। जांच में सामने आया था कि किसान की करोड़ों की जमीन भाजपा नेता आशु दिवाकर उर्फ प्रियरंजन और उसके गुर्गों ने हड़प ली। इससे आहत होकर मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखकर उन्होंने सुसाइड कर लिया था।इसके बाद पुलिस ने भाजपा नेता, नोएडा निवासी राहुल जैन, मधुर पांडेय, मैनपुरी के भाजपा नेता शिवम चौहान समेत 6 लोगों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने, धोखाधड़ी, कूटरचित दस्तावेज तैयार करने समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की थी। मामले में फरार चल रहे यशोदा नगर निवासी मधुर पांडेय उर्फ चीकू को चकेरी पुलिस ने 26 सितंबर को अलीगढ़ से अरेस्ट कर लिया। शातिर मधुर पांडेय अपना फोन स्विच ऑफ करके सिर्फ वॉट्सऐप से लोगों के संपर्क में था। पुलिस ने उसे ट्रेस करके छापा मारा और होटल से अरेस्ट कर लिया। इससे पहले पुलिस किसान सुसाइड कांड में एक और आरोपी नोएडा निवासी राहुल जैन को अरेस्ट करके जेल भेज चुकी है। जबकि अभी भी सुसाइड कांड का मुख्य आरोपी भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन 50 हजार का इनामी होने के बाद भी फरार है। पुलिस अरेस्ट नहीं कर सकी है। जबकि भाजपा नेता फरार रहने के दौरान सोशल मीडिया पर अपना पक्ष रखते हुए वीडियो भी जारी कर चुका है। सुसाइड कांड मामले में कानपुर पुलिस कमिश्नरेट ने एक्शन तो शुरू किया। लेकिन, मुख्य आरोपी भाजपा नेता आशु उर्फ प्रियरंजन अब भी गिरफ्त से दूर है। चकेरी पुलिस ने फरार आरोपी भाजपा नेता और उसके गैंग के छह सदस्यों के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट ले लिया है। अब उसकी तलाश में 8 टीमों में 50 से ज्यादा पुलिस कर्मी अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, भाजपा पार्षद पति मामले में बैकफुट से भाजपा के बड़े नेता पूरा सपोर्ट कर रहे हैं। वहीं किसान सुसाइड मामले के मुख्य आरोपी की तस्वीरें भी भाजपा के हर बड़े नेता के साथ वायरल हैं। वो भाजपा के बड़े-बड़े कार्यक्रमों में डिप्टी सीएम से लेकर हर बड़े नेताओं के साथ मंच भी शेयर करता रहा है। अब सवाल ये भी उठता है कि आखिर पुलिस की टीमें इन भाजपा नेताओं को क्यों नहीं गिरफ्तार कर पा रही हैं। 

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