November 22, 2024

राजीव शुक्ला अपने सबसे करीबी और लायक नायब को कर रहे तैयार


कानपुर। भारतीय क्रिकेट कन्ट्रोल बोर्ड में उत्तर प्रदेश क्रिकेट संघ की ओर से नुमाईन्दगी करते आ रहे संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला के बाद अब नए शख्स को भेजे जाने के लिए यूपीसीए के भीतर एक बार फिर से आपसी द्धन्द शुरु हो चुका है। क्रिकेट जगत में तमाम तरह की अटकलों का बाजार गर्म है कि इस बार की वा‍र्षिक आम सभा में नुमाईन्दगी को लेकर थोडा विवाद हो सकता है। वहीं 25 सितम्बर से पहले होने वाली वार्षिक आम सभा में इस बात का एलान भी किया जा सकता है कि अब कौन से शख्स बीसीसीआई जाकर संघ की ओर से नुमाईन्दगी करेगा। यूपीसीए में बीते कई सालों से विवादों को नया जन्म दे दिया है साल 2005 से सत्ता पर काबिज संघ के पूर्व सचिव राजीव शुक्ला ने अपने सबसे करीबी मेरठ के युद्धवीर सिंह को अपना नायब बना डाला इसका विरोध कई पदाधिकारियों ने किया लेकिन अपेक्षाकृत सहयोग न मिलने पर सबको चुप करवा दिया गया किसी को जमीन के मुददे पर घेरकर तो किया को अच्छे पद का लालच देकर। साल 2019 में लोढा समिति की सिफरिशों पर अमल होने की प्रक्रिया के बाद राजीव शुक्ला को अपने पद से त्यागपत्र देना पड गया। यही नही साल 2021 के अन्त में उन्हे निदेशक पद से भी इस्तीफा देना मजबूरी हो गया था। इसके बावजूद उनका प्रभुत्व संघ पर कम नही रहा और अपने इशारों पर वह कार्मिकों को अंगुलियों पर नचाते रहे। लोढा की सिफारिशों के आधार पर यूपीसीए के बाद उनका कार्यकाल 9 साल तक ही रह सकता है। आगामी 24 दिसम्बर को वह बोर्ड में भी अपने 9 साल का कार्यकाल पूरा करने वाले हैं। अब इसके बाद यूपीसीए से कोई पदाधिकारी नुमाईन्दगी करने के लिए लिए नियुक्त किया जाएगा। संघ के भीतर ही कई पदाधिकारियों को भरोसा है कि उन्हे यह जिम्मेपदारी मिलेगी लेकिन राजीव शुक्ला अभी से ही अपने करीबी नायब को बोर्ड की हर गतिविधि में शामिल करवाने के लिए अपने साथ लेकर घूमते नजर आ रहें हैं। वह हाल ही अपने साथ युद्धवीर सिंह को पहले श्रींलंका और फिर पाकिस्तान में एशिया कप के मैचों के दौरान बोर्ड के रूम में पाए गए थे। एक बात और है कि राजीव शुक्ला ने यूपीसीए के अध्यक्ष निधिपति सिंहानियां को यूपीसीए की ओर से नुमाईन्दगी के लिए मौखिक रूप से स्वीकृति दे रखी है। इन गतिविधियों को देखकर ऐसा प्रतीत तो नही होता दिखायी दे रहा है कि यूपीसीए के अध्यक्ष को बोर्ड में संघ की ओर से नुमाईन्दगी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा।यूपीसीए के सूत्रों से पता चला है की हाल में हुई निदेशकों एवं एपेक्स काउंसिल की वर्चुअल बैठक में आगामी 25 सितंबर को बीसीसीआई की एजीएम में युद्धवीर सिंह का नाम पास करा कर भेज दिया गया है । यूपीसीए की एजीएम में घोषणा मात्र की जाएगी। यदि ऐसा है तो सिघनिया परिवार के साथ बड़ी धोखेबाजी प्रतीत होगी। यूपीसीए के पूर्व पदाधिकारी ने बताया कि हो सकता है कि इस बार की एजीएम में युद्धवीर सिंह के नाम का एलान कर दिया जाए हालांकि इस बारे में कुछ भी प्रमाणिकता के साथ कहना ठीक नही होगा। उन्होंने कहा कि कुछ और भी काबिल लोग है संघ में उनको भी मौका दिया जाना चाहिए।

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