संवाददाता।
कानपुर। नगर के बीजेपी नेता रोड रेज केस में शनिवार को नया मोड़ आ गया। अब कानपुर पुलिस कमिश्नर बैकफुट पर आ गए और बीजेपी पार्षद सौम्या शुक्ला की तहरीर पर थार चालक के खिलाफ गाड़ी नंबर के आधार पर छेड़खानी समेत अन्य गंभीर धाराओं में रायपुरवा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है। हांलाकि हॉस्पिटल में भर्ती थार चालक का नाम एफआईआर में नहीं खोला गया है। गाड़ी नंबर के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। इससे कि दोबारा सिख सड़क पर नहीं आए और शहर का माहौल न बिगड़े। जीटी रोड पर 24 सितंबर को यशोदा नगर निवासी पार्षद सौम्या शुक्ला, उनके पति अंकित शुक्ला और थार चालक व्यापारी अमोलदीप सिंह में जमकर मारपीट हुई थी। रायपुरवा थाने की पुलिस ने भाजपा नेता अंकित शुक्ला समेत उनके 5 साथियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज करके 25 हजार का इनाम घोषित किया था। पांच दिन बाद अंकित शुक्ला ने फिल्मी अंदाज में ज्वाइंट पुलिस कमिश्नर आनंद प्रकाश तिवारी के दफ्तर में सरेंडर किया था। अब सरेंडर के अगले दिन ही पार्षद सौम्या शुक्ला की तहरीर पर थार चालक गाड़ी नंबर के आधार पर छेड़खानी, सार्वजनिक स्थान पर तेजी से गाड़ी चलाने, तोड़फोड़ करने, मारपीट और जान से मारने की धमकी लेने की धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। भाजपा नेताओं के दबाव में कानपुर पुलिस कमिश्नर को बैकफुट पर आना पड़ा। पुलिस कमिश्नर डॉ. आरके स्वर्णकार पहले रिपोर्ट दर्ज करने के लिए बीजेपी पार्षद पक्ष से साक्ष्य मांग रहे थे। लेकिन सत्ता के दबाव में उन्हें दूसरे पक्ष से क्रॉस एफआईआर आखिर छठवें दिन दर्ज करनी ही पड़ गई। भाजपा पार्षद सौम्या शुक्ला की तहरीर पर थार चालक पर गाड़ी नंबर के आधार पर छेड़छाड़ समेत अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की है। जबकि सभी को मालूम है कि गाड़ी में कौन था, किससे झगड़ा हुआ था…? लेकिन पीड़ित पक्ष फिर से सड़क पर नहीं उतरे इसे देखते हुए सिर्फ गाड़ी नंबर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की है। इससे कि दूसरे पक्ष महाना गुट को भी संतुष्ट किया जा सके।