कानपुर। शब-ए-बारात के मौके पर कब्रगाहों पर जाकर पूर्वजों को याद किया गया। मजार पर इत्र व लोभान जलाकर फातिहा पढ़ा गया। कब्रिस्तान पर रोशनी कर पूर्वजों की याद में इबादत की गई। रविवार को मस्जिदों, कब्रिस्तान में सूर्यास्त के बाद इबादत का दौर शुरू हो गया। घरों और मस्जिदों में भी नमाज अदा की गई। महिलाओं ने घरों में नमाज पढ़ी तो पुरुष सामूहिक नमाज में शामिल हुए। नमाज के बाद पूर्वजों की मजार पर मोमबत्ती, अगरबत्ती के साथ रोशनी की गई। यह सिलसिला सुबह तक जारी रहा। इस मौके पर विशेष पकवान (हलवा) बनाए गए। हालांकि कलक्टर गंज किराना मंडी से सरवन लाला ड्राई फ्रूट्स विक्रेता का कहना है पिछले वर्षों में जहां कुन्तलों के हिसाब से मेवा बिक्री होती थी वही आज एक कुन्तल भी मेवा नही बिकी है वही रवा और मेदा का व्यापार करने वाले लालचंद जैसवाल का कहना है कि जहां बीस कुन्तल के आसपास रवा, मैदा बिकता था अबकी बार दो कुन्तल नही बिका है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने रतजगा कर इबादत करते हुए नमाज पढ़ी। पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हुए गुनाहों की माफी के लिए दुआ मांगी। आल इंडिया मुस्लिम त्योहार कमेटी के तत्वावधान में शब-ए-बारात अकीदत के साथ मनाया। रातभर मस्जिदों, दरगाहों, इमामबाड़ों, कब्रिस्तानों और प्राचीन करबला शरीफ पर बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने पूर्वजों की कब्रों पर दरूद फातिहा पढ़ा। इसके बाद मस्जिदों, मदरसों में कुरआन की तिलावत करते हुए नमाज अदा की। ये सिलसिला सुबह फजर की नमाज़ तक जारी रहा। शहर में विभिन्न जगहों पर तबर्रुक का भी इंतजाम किया गया था।