किसी ने सरकार को फेल बताया तो किसी ने कड़ा नियम बनाने की मांग की।
संवाददाता।
कानपुर। प्रदेश में पुलिस भर्ती परीक्षा रद्द होने के बाद अभ्यार्थियों का दर्द छलकने लगा। किसी ने सरकार को फेल बताया तो किसी ने कड़ा नियम बनाने की मांग की। अभ्यार्थियों ने कहा कि एक तो बहुत दिनों बाद पुलिस में भर्ती निकली थी। सभी इस भर्ती का इंतजार कर रहे थे, लेकिन जब परीक्षाएं हो गई उसके बाद पता चलता है कि पेपर लीक हो गया। इससे उन लोगों को ज्यादा दिक्कत होती है, जिन्होंने पूरे साल मन लगाकर पढ़ाई की होती है और परिणाम आने से पहले ही सब कुछ शून्य हो गया। बर्रा के रहने वाले प्रशांत दीक्षित ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आखिर बार-बार पेपर क्यों और कैसे लीक हो रहे है। इसकी गंभीरता से जांच होनी चाहिए। हम लोग इतनी मेहनत करने के बाद परीक्षा देते है, जब परीक्षा अच्छी होती है तो परिणाम जानने की भी बड़ी उम्मीद होती है, लेकिन परिणाम की घोषणा होने से पहले ही परीक्षा रद्द करा दी जाती है। इससे मेहनत करने वाले छात्रों का मनोबल गिरता है। गोविंद नगर निवासी दीपक सिंह चौहान ने कहा कि परीक्षा लीक कराने वालों के खिलाफ एक कड़ा कानून बनना चाहिए। क्योंकि हम लोग तो इतने दिनों से पेपर की तैयारी करने के बाद परीक्षा में शामिल हुए थे, लेकिन कुछ लोगों के कारण हम लोगों का भविष्य भी खतरे में आ जाता है। कभी कोई परीक्षा सहीं नहीं हो पा रही है, जब-जब कोई परीक्षा होती है तो पेपर लीक पहले हो जाता है। यूपी सरकार को इस पर कड़ा फैसला लेना चाहिए की कभी कोई परीक्षा रद्द न हो सके। मेहनत करने वाले सभी अभ्यार्थियों की नौकरी मिलनी चाहिए। पुलिस कांस्टेबल में यूपी सरकार ने 60244 भर्ती निकाली थी। इसमें करीब 50 लाख से अधिक अभ्यार्थियों ने फार्म भरा था। 17 व 18 फरवरी को पूरे प्रदेश में परीक्षा का आयोजन किया गया था। इसमें से कानपुर में कुल 110 केंद्रों में परीक्षा संपन्न कराई गई थी। कानपुर जिले में कल्याणपुर, हनुमंत विहार और रावतपुर में मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें साथ सात सॉल्वर भी पकड़े गए थे।