संवाददाता।
कानपुर। नगर में नगर निगम में बुधवार को हंगामा हो गया। बीजेपी पार्षद धरने पर बैठ गए। महिला पार्षदों ने हाथ में पोस्टर लेकर नारेबाजी की। सत्ता पक्ष के पार्षदों ने नगर आयुक्त मुर्दाबाद के नारे लगाए। दरअसल अफसरों के पहुंचने की टाइमिंग 11.30 बजे रखी गई थी। लेकिन 1 घंटे बाद भी जब नगर आयुक्त नहीं पहुंचे, तब पार्षदों ने हंगामा शुरू कर दिया। आरोप था कि अफसर यह मनमानी किसी षडयंत्र के तहत तो नहीं कर रहे हैं। बुधवार को नगर निगम सदन में शहर के विकास पर महापौर ने पार्षदों व अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। अधिकारियों को बीते सदन में हुए फैसलों पर उन्होंने क्या काम किया है, इस रिपोर्ट के साथ बुलाया गया था, वहीं पार्षद विकास के मुद्दे पर अधिकारियों को घेरने की तैयारी में थे। लेकिन नगर आयुक्त समेत अधिकारी इस बैठक में पहुंचे ही नहीं। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के पार्षद सदन में हंगामा करने लगे। कई पार्षद सदन में ही जमीन पर बैठ गए। महिला पार्षद नारेबाजी करने लगीं। महापौर भी सदन में मौजूद थी। नगर निगम का इस कार्यकाल का पहला सदन 23 जून को बुलाया गया था। इस दौरान निर्दलीय पार्षदों के विरोध के बीच कार्यकारिणी के लिए 12 सदस्य निर्वाचित हुए थे। वहीं, 26 अगस्त को कार्यकाल का पहला सदन बुलाया गया।जिसमे कुल 22 अरब से ज्यादा के बजट को हरी झंडी दी गई। हालांकि इस दौरान सदन को स्थगित किया गया और 9 अक्टूबर को सदन को फिर से बुलाया गया, इस दौरान पार्षदों के मुद्दों पर चर्चा हुई। लेकिन इस सदन के बाद से ही तीन महीने बीत गए। महापौर की ओर से कार्यकारिणी की बैठक तो बुलाई गई पर सदन की बैठक को नहीं बुलाया गया।